एनआईटी में 25 से 30 जुलाई तकइमर्जिंग ट्रेंड्स एंड चैलेंजेस इन बायोमैकेनिक्स और बायोमैटेरियल्स पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
रायपुर
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान(एनआईटी)रायपुर के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा 25 से 30 जुलाई तक वर्चुअल मोड में इमर्जिंग ट्रेंड्स एंड चैलेंजेस इन बायोमैकेनिक्स और बायोमैटेरियल्स (बायोमैकेनिक्स और बायोमैटेरियल्स में उभरते रुझान और चुनौतियां) विषय पर एक लघुकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम (एसटीटीपी) आयोजित किया जाएगा । एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव इस कार्यक्रम के मुख्य संयोजक हैं। डीन (अनुसंधान और परामर्श) डॉ. प्रभात दीवान और प्रोफेसर इन-चार्ज, कन्टिन्यूइंग एजुकेशन सेल, डॉ. शुभोजीत घोष इसके संयोजक हैं। बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख, डॉ. बिकेश कुमार सिंह, इस कार्यक्रम के अध्यक्ष होंगे। सहायक प्रोफेसर, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, डॉ. निशांत कुमार सिंह और सहायक प्रोफेसर, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, डॉ. एम. मारीश्वरन इस कार्यक्रम के समन्वयक हैं।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य बायोमैटेरियल्स के संश्लेषण, सतह संशोधन, प्रसंस्करण, उपचार, विशेषता और विद्युतीय पहलुओं में कटिंग-एज के विकास को प्रसारित करना और बायोमैकेनिक्स के क्षेत्र में उन्नत नई तकनीकों की जानकारी प्रदान करना है 7 इस कार्यक्रम में विभिन्न संस्थाओं के प्रसिद्ध विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान प्रदान किए जाएंगे । इस प्रोग्राम में मानव संबंधी स्नायुसंरचनात्मक, हृदयसंबंधी और दन्त संरचना व्यवस्थाओं में होने वाले भौतिकीय घटनाओं के सटीक सिमुलेशन और उन्नत सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस कार्यक्रम में बायो-ट्राइबोलॉजी, बायो-पॉलिमर, बायो-करोजन, डेंटल बायोमैकेनिक्स, सॉलिड मॉडेलिंग और एफईए, और स्पोर्ट्स बायोमैकेनिक्स जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी। इस कार्यक्रम में रिवर्स इंजीनियरिंग: 3 डी मॉडलिंग और अनुकूलन, इम्प्लांट्स असेंबली और एफईए, एफडीएम 3 डी प्रिंटिंग, और यूनिवर्सल टेस्टिंग मशीन का उपयोग कर प्रतिरूपण और विशेषता विश्लेषण के लिए हैंड्स-आन सेशंस और प्रदर्शन भी आयोजित किए जाएंगे। प्रोग्राम के समापन तक, भाग लेने प्रतिभागियों में बायोमैटेरियल्स को समन्वयीकृत और विशेषीकृत करने, 3ष्ठ मॉडलों का डिजाइन और विकसित करने, और इम्प्लांट्स और स्कैफोल्ड्स के जीव यांत्रिक और जीव तरल व्यवहार यांत्रिकी के लिए गणितीय विश्लेषण करने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने हेतु प्रयास किए जाएंगे । इस एसटीटीपी में स्नातक, स्नातकोत्तर, पी एच डी विद्यार्थी, शैक्षणिक संस्थान और उद्योग के युवा सदस्य सम्मिलित हो सकते हैं ।