September 25, 2024

भोपाल की रामसर साइट भोज ताल

0

भोपाल

मध्यप्रदेश में 4 रामसर साइट हैं। भोपाल की भोज वेटलेण्ड, शिवपुरी की साख्य सागर, इंदौर की सिरपुर और यशवंत सागर। रामसर साइट घोषित होने से इनका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्व और संरक्षण बढ़ जाता है।

लोगों के बीच बड़ा और छोटा तालाब के नाम से प्रसिद्ध भोज वेटलेण्ड को भोज ताल के नाम से भी जाना जाता है। भोज वेटलेण्ड को वर्ष 2002 में अंतर्राष्ट्रीय महत्व की रामसर साइट का दर्जा मिला, जिसमें भोपाल के पश्चिम में स्थित 2 झीलें शामिल हैं।

भोज ताल का निर्माण मालवा क्षेत्र के शासक राजा भोज (1005-1055) द्वारा मुख्य जल-स्रोत कोलांस नदी पर बाँध का निर्माण कराया गया था। बड़े तालाब की जल निकासी भदभदा बाँध के माध्यम से कलियासोत जलाशय से कलियासोत नदी होते हुए बेतवा नदी में होती है। वहीं बड़े तालाब में कोलांस और उलझावन नदी से पानी आता है। दोनों झीलों का भोपाल शहर के लिये बहुत महत्व है।

छोटा तालाब का निर्माण नवाब हयात मोहम्मद खान के मंत्री नवाब छोटे खान ने सन् 1794 में करवाया था। पानी को रोकने के लिए बांध बनवाया था, जिसे पातरा पुल के नाम से जानते हैं। छोटे तालाब की जल निकासी से हलाली नदी का उद्धगम होता है जो आगे जाकर बेतवा में मिल जाती है। बड़े तालाब से भोपाल की लगभग 30 प्रतिशत आबादी को पीने का पानी मिलता है। वहीं लगभग 500 मछुआरों के परिवार का भरण-पोषण भी यह तालाब करता है।

भोज वेटलेंट का रख-रखाव भोपाल नगर निगम केन्द्र शासन द्वारा स्वीकृत राशि से करता है। भोज ताल प्राकृतिक सुंदरता के कारण पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र भी है। तालाब के बीचों-बीच तकिया टापू है। बोट क्लब पर विभिन्न वाटर स्पोर्ट्स जैसे कयाकिंग, कैनोइंग, राफ्टिंग, वाटर स्कीइंग, पैरासेलिंग आदि की किये जाते है। दक्षिण-पूर्वी किनारे पर वन विहार राष्ट्रीय उद्यान है।

भोज वेटलेंट जैव-विविधता से समृद्ध है। शरद कालीन पक्षी गणना 2022 में 207 प्रजातियों के पक्षियों की पहचान की गई। सर्दियों में यहाँ हजारों किलोमीटर से दूरी तय कर दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी आते है। हर साल लगभग 20 हजार पक्षी आवागमन करते हैं। इसके अलावा जीव-जन्तु और वनस्पतियाँ भी बहुतायत में मिलती हैं। इसमें मैक्रोफाइट्स की 106, फाइटोप्लांकटन 208, जूप्लेंक्टन की 105, मछलियों की 43, कीट 98 और 10 से अधिक सरीसृप और उभयचर प्रजातियाँ शामिल हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed