स्वतंत्रता दिवस की फुल ड्रेस रिहर्सल, 7 साल बाद 15 अगस्त पर मिलेगा राष्ट्रपति का वीरता पदक
भोपाल
प्रदेश में 7 साल बाद स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में एक बार फिर पुलिस अफसरों के सीने पर राष्टÑपति का पुलिस वीरता पदक लगाया जाएगा। पिछले साल स्वतंत्रता दिवस और इस साल गणतंत्र दिवस पर इन पदकों का ऐलान हुआ था, जो भोपाल के लाल परेड मैदान पर होने वाले मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पुलिस अफसरों और जवानों को प्रदान करेंगे। इधर आज स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह की फुल ड्रेस रिहर्सल हुई।
पिछले साल स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर घोषित हुए राष्टÑपति का वीरता पदक तत्कालीन एसपी बालाघाट अभिषेक तिवारी सहित बालाघाट में पदस्थ रहे एएसआई अजीत सिंह, विपिन खालको, रामपदम और रवि द्विवेदी को दिया जाएगा। अभिषेक तिवारी अब रतलाम जिले के एसपी हैं, उन्हें नक्सलियों से मुठभेड़ की दो अलग-अलग घटनाओं के लिए वीरता के दो पदक दिए जाएंगे। वहीं गणतंत्र दिवस 2022 की पूर्व संध्या पर भी राष्टÑपति के वीरता पुलिस पदक हॉक फोर्स के तत्कालीन कमांडेंट तरुण नायक, उप निरीक्षक हिम्मत सिंह, प्रधान आरक्षक बेसाखू लाल को दिया स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री देंगे। तरुण नायक अभी सागर के पुलिस अधीक्षक हैं।
मीणा को मिला था इससे पहले पदक
प्रदेश में इससे पहले वर्ष 2015 में आईपीएस अफसर गाजीराम मीणा को स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में यह अवार्ड मिला था। हालांकि गणतंत्र दिवस 2021 की पूर्व संध्या पर घोषित हुए राष्टÑपति के पुलिस पदक में डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अरविंद सक्सेना और एसपी खरगौन धर्मवीर सिंह को वीरता पदक दिये जाने का ऐलान हुआ था, दोनों को भोपाल की एक घटना को लेकर यह पदक मिला था, लेकिन कोरोना काल के चलते उन्हें स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह की जगह पर मध्य प्रदेश स्थापना दिवस समारोह में यह अवार्ड दिया गया था। मीणा के बाद 6 साल तक इस प्रदेश को राष्टÑपति के पुलिस वीरता पदक के लिए इंतजार करना पड़ा था।
मीणा को मिला था इससे पहले पदक
प्रदेश में इससे पहले वर्ष 2015 में आईपीएस अफसर गाजीराम मीणा को स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में यह मेडल मिला था। हालांकि गणतंत्र दिवस 2021 की पूर्व संध्या पर घोषित हुए राष्टÑपति के पुलिस पदक में डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अरविंद सक्सेना और एसपी खरगौन धर्मवीर सिंह को वीरता पदक दिये जाने का ऐलान हुआ था, दोनों को भोपाल की एक घटना को लेकर यह पदक मिला था, लेकिन कोरोना काल के चलते उन्हें स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह की जगह पर मध्य प्रदेश स्थापना दिवस समारोह में यह अवार्ड दिया गया था। मीणा के बाद 6 साल तक इस प्रदेश को राष्टÑपति के पुलिस वीरता पदक के लिए इंतजार करना पड़ा था।