भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा ‘इंडिया मेडिटेट्स’ अभियान का आरंभ
अभियान से जुड़ने के लिए 2 लाख भारतीयों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है
बैंगलोर, 25 जुलाई 2023: भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के ‘हर घर ध्यान’ कार्यक्रम के अन्तर्गत भागीदार के रूप में सभी उम्र और पृष्ठभूमि के लोगों को ध्यान और आत्म-जागरूकता के अभ्यास द्वारा सशक्त बनाने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग ने 24 से 31 जुलाई 2023 के मध्य ‘इंडिया मेडिटेट्स’ अभियान शुरू किया है।इस अभियान को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय का पूर्ण समर्थन प्राप्त है। यह अभियान स्वतंत्रता दिवस, 15 अगस्त 2023 को पूर्ण होगा, जो समग्र आरोग्य की दिशा में हुई देश की प्रगति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
इंडिया मेडिटेट्स श्रृंखला में पूरे दिन में आठ बार निःशुल्क ऑनलाइन ध्यान सत्र अयोजित किए जाएँगे: सुबह 6:00 बजे, सुबह 7:00 बजे, सुबह 8:00 बजे, दोपहर 2:00 बजे, दोपहर 3:00 बजे, शाम 6:00 बजे, शाम 7:00 बजे और रात 8:00 बजे।
ये लाइव ऑनलाइन सत्र आर्ट ऑफ लिविंग के विशेषज्ञ जानकारों द्वारा आयोजित किए जाएंगे।
इंडिया मेडिटेट्स अभियान में कैसे भाग लें
वेबसाइट indiamededitates.org पर पंजीकरण करने के बाद प्रतिभागियों को एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा जाएगा और सत्र के लिए लाइव लिंक प्राप्त होंगे। उन्हें संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा मान्यता प्राप्त ई-प्रमाणपत्र भी प्राप्त होगा।
अब तक 2 लाख से ज्यादा भारतीय रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं.
आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर संस्कृति मंत्रालय ने भारत के नागरिकों को ध्यान की परिवर्तनकारी कला में शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के साथ साझेदारी की है। यह परियोजना 26 अक्टूबर 2022 को बैंगलोर में आर्ट ऑफ लिविंग के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय में वैश्विक मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरु गुरुदेव श्री श्री रविशंकर द्वारा कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बासवराज बोम्मई की उपस्थिति में 20 हजार लोगों के मध्य आरंभ की गई थी।
‘हर घर ध्यान’ पहल को तब से देश भर में अति सफलता मिली है। हाल के महीनों में दस लाख से अधिक प्रतिभागियों ने ऑनसाइट कार्यक्रमों में भाग लिया है।
गुरुदेव श्री श्री रविशंकर कहते हैं, “ध्यान आपके दृष्टिकोण को बदलने में मदद करता है। यह वस्तुओं को समझने के आपके रवैये में सुधार लाता है। यह आपके आस-पास के लोगों के साथ आपकी बातचीत को बेहतर बनाता है। आप क्या कहते हैं, आप कैसे प्रतिक्रिया करते हैं और विभिन्न स्थितियों में कैसे कार्य करते हैं; इन सबके बारे में आप अधिक जागरूक हो जाते हैं।”
यह सिद्ध हो चुका है कि ध्यान शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करता है, समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाता है, तनाव, चिंता और अवसाद को कम करता है, साथ ही व्यक्ति को अपने मन को प्रबंधित करने की क्षमता प्रदान करता है तथा उसकी सहनशक्ति बढ़ाता है।