राज्य सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष को पेंशन और मानदेय दोनो का लाभ मिलेगा
भोपाल
मध्यप्रदेश राज्य सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष पद पर अब यदि सेवानिवृत्त शासकीय सेवक को पदस्थ किया जाता है तो उन्हें मासिक ढाई लाख रुपए मानदेय तो मिलेगा ही साथ ही उन्हें दी जा रही पेंशन इसमें से कम नहीं की जाएगी। याने पेंशन और मानदेय दोनो का लाभ मिलेगा। साथ ही उन्हें मुख्य सचिव के बराबर वाहन, यात्रा और भत्ते भी मिलेंगे। अफसरों ने नियमों में बदलाव कर मादनेय के साथ पेंशन अलग से लेने का जुगाड़ कर लिया है।
मध्यप्रदेश में सांख्यिकी प्रणाली के मूल्यांकन एवं नीति निर्माण में डाटा की गुणवत्ता और प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए गठित टास्क फोर्स की संस्तुतियों के आधार पर योजना आर्थिक एवं सांख्यकी विभााग ने टास्क फोर्स की अनुशंसा पर 29 जुलाई 2022 को मध्यप्रदेश राज्य सांख्यिकी आयोग का गठन करते हुए इसके अध्यक्ष, सदस्यों के लिए नियुक्ति, सेवा शर्ते,वेतन भत्ते और सुविधाएं तय की थी।
हर माह साढ़े तीन से चार लाख मिलेंगे
जुलाई 2022 में आयोग के अध्यक्ष को हर माह ढाई लाख रुपए मानदेय देने का प्रावधान किया गया था। इसमें शासकीय सेवक की नियुक्ति किए जाने पर उसके ढाई लाख रुपए के मानदेय से पेंशन की राशि घटाकर देने का प्रावधान किया था। अब नियमों में यह बदलाव कर दिया गया है कि अध्यक्ष को हर माह ढाई लाख मानदेय दिया जाएगा। इसमें से पेंशन घटाने वाला प्रावधान हटा दिया गया है। याने हर माह पूरी पेंशन और साथ में वेतन मिलेगा। इससे उन्हें साढ़े तीन से चार लाख रुपए तक सरकार से मिलेंगे।
अब मुख्य सचिव के समान सुविधाएं: पहले अध्यक्ष को मिलने वाले वाहन, यात्रा एवं भत्ते राज्य के सचिव स्तर के अधिकारी के बराबर थे और सदस्यों को प्रथम श्रेणी के अधिकारी के अनुरुप थे। अब नियमों में बदलाव किए जाने से अध्यक्ष को मुख्य सचिव के बराबर वाहन, भत्ते और यात्रा भत्ते मिलेंगे। सदस्य के लिए पूर्ववत सुविधा रहेगी।
सदस्यों के बदले मानदेय के नियम
सदस्य के पद पर शासकीय सेवानिवृत्त अधिकारी की पदस्थापना होंने पर पहले डेढ़ लाख रुपए मासिक मानदेय तय था इसमें से पेंशन की राशि घटाई जाना था। अब नियम बदलकर यह लाभ दिया गया है कि हर माह डेढ़ लाख रुपए या सेवानिवृत्ति पर जो अंतिम वेतन होगा उसमें से जो अधिक हो वह दिया जाएगा। इसमें से पेंशन की राशि सारांशीकरण के पूर्व की कम करते हुए हर माह शेष राशि मानदेय की मिलेगी। अंशकालीन सदस्य को बैठकों में भाग लेने हर बैठक के साढ़े सात हजार और अधिकतम डेढ़ लाख रुपए प्रति माह मानदेय मिलेगा।