नीतीश ने पलटा आरजेडी मिनिस्टर का फैसला, राजस्व विभाग में 479 अधिकारियों का तबादला रद्द
पटना
बिहार में ट्रांसफर को लेकर सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 479 पदाधिकारियों का तबादला रद्द कर दिया गया है। चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर ट्रांसफर रद्द किए गए हैं। बिहार सरकार में आरजेडी कोटे से राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने पूर्व में इन तबादलों को हरी झंडी दिखाई थी। मगर सीएम नीतीश ने उनके फैसले को पलट दिया है। मेहता डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के करीबी हैं। बता दें कि सीएम नीतीश जब एनडीए बीजेपी के साथ सत्ता में थे तब भी इसी विभाग में तबादलों पर रोक लगाई गई थी। उस वक्त बीजेपी कोटे से मंत्री रामसूरत राय के आदेश को सीएम ने पलटा था।
जानकारी के मुताबबिक राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के संयुक्त सचिव कंचन कपूर ने मंगलवार को राजस्व सेवा के 479 पदाधिकारियों के ट्रांसफर से संबंधित अधिसूचना रद्द कर दी। प्रभारी अंचल अधिकारी, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, प्रभारी सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, चकबंदी पदाधिकारी, प्रभारी चकबंदी पदाधिकारी, राजस्व अधिकारी, कानूनगो, सहायक चकबंदी पदाधिकारी के स्थानांतरण एवं पदस्थापन की अधिसूचना 30 जून को जारी हुई थी। विभागीय सूत्रों के अनुसार कई प्रकार की त्रुटियों के कारण इसे रद्द किया गया है। पिछले साल भी इनका तबादला रद्द हुआ था।
सीएम नीतीश के आदेश पर रद्द हुए तबादले?
रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन तबादलों को रद्द करने का आदेश दिया है। इसी के बाद संयुक्त सचिव ने अधिसूचना जारी की। सियासी गलियारों में चर्चा है कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के करीबी मंत्री आलोक मेहता के फैसले को सीएम नीतीश ने पलट दिया है। इससे महागठबंधन में तकरार होने की आशंका जताई जा रही है।
राजस्व अधिकारियों के तबादलों पर पहले भी मच चुका है सियासी हंगामा
एनडीए सरकार के दौरान भी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 500 से ज्यादा अधिकारियों के तबादलों पर रोक लगा दी गई थी। एक साल पहले इस मुद्दे पर जमकर सियासी हंगामा मचा था। उस वक्त बीजेपी के रामसूरत राय इस विभाग के मंत्री थे। राय के विभाग में तबादलों पर रोक लगाए जाने पर जेडीयू और बीजेपी में तनातनी की चर्चा शुरू हुई और अगले ही महीने सीएम नीतीश ने बीजेपी का साथ छोड़कर महागठबंधन का दामन थाम लिया था।