November 27, 2024

दिल्ली-NCR में राहत से ज्यादा आफत, बारिश से बढ़ा बाढ़ का संकट; जाम भी विकट

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नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में बुधवार सुबह बारिश हुई। जिसने मौसम का खुशनुमा बना दिया। वहीं बारिश से यमुना और हिंडन का जलस्तर बढ़ सकता है। इससे बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव का कार्य प्रभावित होने की संभावना है। यमुना के जलस्तर में जहां उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। वहीं हिंडन नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। नदी में आए उफान से नोएडा सेक्टर-143 के डूब क्षेत्र में 50 से अधिक झुग्गियां बह गईं। यहां बने खेल के मैदान आठ से दस फुट तक पानी में डूब गए।

बारिश दे सकती है टेंशन
मौसम विभाग के अुसार, अगले तीन दिनों तक दिल्ली-एनसीआर में बारिश के आसार हैं। यह पूर्वानुमान बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए टेंशन की खबर से कम नहीं है। दिल्ली में कुछ लोग जलस्तर घटने से अपने घर लौटने लगे हैं। उनके लिए बारिश मुसीबत खड़ी कर सकती है और। यदि ऐसा हुआ तो उन्हें वापस राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ेगी। हिंडन की बात करें तो जलस्तर में मंगलवार रात को कुछ कमी आई लेकिन अब भी खतरा बरकरार है। जिला प्रशासन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को हिंडन के पानी में एक हजार क्यूसेक की गिरावट आई, अब हिंडन में 27191 क्यूसेक पानी बह रहा है।

ट्रैफिक जाम
दिल्ली-एनसीआर में बारिश के बाद जाम से लोग परेशान हैं। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के अंडरपास में सेक्टर 129 के पास बारिश का पानी भर गया। जिसके बाद वहां वाहनों की लंबी कतार लग गई है।

पानी उतरते ही घर लौटने लगे
यमुना के जलस्तर में एक मीटर की गिरावट आई है। यमुना का जलस्तर मंगलवार शाम पांच बजे 205.35 मीटर पर था। हालांकि, नदी अभी भी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बह रही है। उधर, यमुना के जलस्तर में गिरावट के बाद लोग अपने घर लौटने शुरू हो गए हैं। मयूर विहार, उस्मानपुर और यमुना बाजार के आसपास लोग घर वापसी कर रहे हैं। दिल्ली में बीते दो दिन से यमुना का जलस्तर 206 मीटर से ऊपर चल रहा था। सोमवार देर रात से इसमें गिरावट शुरू हुई है।

तीन हजार से ज्यादा विस्थापित
नोएडा प्रशासन के मुताबिक जिले के दस गांवों में हिंडन का पानी भर चुका है। इनमें छिजारसी, बहलोलपुर, हैबतपुर, चोटपुर, युसूफपुर, सुथियाना, मोमनाथल, कुलेसरा, लखनावली और शहदरा गांव शामिल हैं। इन गांवों से अबतक 3420 लोग प्रभावित हो चुके हैं, जिनमें से 3410 लोगों को विस्थापित किया जा चुका है। इसके अलावा 50 पशुओं को विस्थापित करने की नौबत आई है।

जेवर में फसल जलमग्न
यमुना के पानी से जेवर क्षेत्र के छह गांवों की फसल फिर डूब गई। इस मामले में उपजिलाधिकारी जेवर अभय कुमार सिंह का कहना है कि प्रशासन मुस्तैद है और यमुना के जलस्तर पर नजर रख रहा है।

 

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