November 27, 2024

गीतिका को तो फायदा मिला था; गोपाल कांडा क्यों हो गए बरी, अदालत ने एक-एक बात गिना दी

0

नई दिल्ली
एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा की मौत के मामले में अदालत के फैसले पर हर किसी की नजर थी, लेकिन मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरोपी गोपाल कांडा को बरी कर दिया। हरियाणा के पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक को बरी करने की वजहें भी अदालत ने विस्तार से बताईं। इस दौरान कोर्ट ने गीतिका और गोपाल कांडा के रिश्तों का जिक्र भी किया। अदालत ने कहा कि गीतिका शर्मा को तो गोपाल कांडा ने फायदा ही पहुंचाया था। ऐसे में उसका उत्पीड़न किया हो, जिससे वह आत्महत्या के लिए मजबूर हो गई हो, ऐसा नहीं लगता है। अभियोजन पक्ष भी इस संबंध में कोई सबूत नहीं दे सका है। ऐसे में गोपाल कांडा को बरी करने का ही फैसला लिया गया है।

अदालत ने कहा कि गोपाल कांडा ने गीतिका शर्मा को अपनी सनडेल एजुकेशनल सोसायटी का प्रेसिडेंट बनाया था और वह डायरेक्टर के तौर पर काम कर रही थी। उसे एमबीए की पढ़ाई करने में मदद की और बीएमडब्ल्यू कार भी दिलाई थी। उसे वह सिंगापुर भी लेकर गए थे। ऐसे में यह नहीं लगता कि उन्होंने पीड़िता के लिए ऐसी स्थितियां बनाई होंगी कि वह आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाए। कोर्ट ने कहा कि गोपाल कांडा मृतका से बेहद प्रभावित थे। उसे काफी मदद भी की थी। इसलिए यह यकीन नहीं किया जा सकता कि वह ऐसी स्थिति बना देंगे कि गीतिका पास जान देने के अलावा कोई विकल्प ही ना बचा हो।

जज ने पूछा- जब महीनों बात नहीं हुई तो कब उकसाया होगा?
गीतिका की मौत के केस से गोपाल कांडा को बरी करने का सबसे बड़ा आधार लंबे समय तक संपर्क ना होना भी बना है। कोर्ट ने कहा कि 7 से 8 महीने पहले से गोपाल कांडा और गीतिका शर्मा के बीच फोन पर कोई बात नहीं हुई थी। इसके अलावा उनकी सहायक अरुणा चड्ढा से भी एक महीने पहले से कोई बात गीतिका की नहीं हुई थी। ऐसे में आरोपियों के पास ऐसा कोई मौका ही नहीं था, जब वह गीतिका को आत्महत्या के लिए उकसा पाते या उसे ऐसा करने के लिए मजबूर करते।

'मां और गीतिका के बीच झगड़ा भी हो सकता है सुसाइड की वजह'
कोर्ट ने 3 अगस्त, 2012 की रात को गीतिका शर्मा के रात को बाहर जाने और अबॉर्शन कराने की जानकारी शेयर करने की बात का भी जिक्र किया। अदालत ने कहा कि गीतिका शर्मा ने सुसाइड नोट में इसका जिक्र किया था। ऐसा लगता है कि यह जानकारी गोपाल कांडा और अरुणा ने गीतिका की मां को दी होगी, जिससे दोनों के बीच झगड़ा हुआ होगा। अंत में इसी वजह से आहत होकर गीतिका शर्मा ने जान दी होगी, इससे इनकार नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि गोपाल कांडा को यदि इस केस में सजा होती और यह दो साल से अधिक होती तो उनकी विधायकी भी जा सकती थी, जिसेस वह बच गए हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *