जीएसटी पंजीयन प्रक्रिया को सरल बनाने सरकार ने SOP की जारी
भोपाल
शिवराज सरकार ने व्यवसाइयों की परेशानियों को दूर करते हुए जीएसटी (GST) रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल किया है। मप्र वाणिज्यिक कर विभाग (MP Commercial Tax Department) ने इसे जारी कर दिया। इस मौके पर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया (GST Registration Process) सरल होने से व्यापारी अर्थ व्यवस्था में अधिक योगदान से सकेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) के निर्देशों का पालन करते हुए वाणिज्यिक कर विभाग ने जीएसटी पंजीयन प्रक्रिया को सरल बनाते हुए आदर्श प्रक्रिया स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) (GST Registration Model Process Standard Operating Procedure, SOP) जारी कर दी है। इससे व्यापार करना और ज्यादा सरल हो जाएगा। पूर्व में नए जीएसटी पंजीयन प्राप्त करने में व्यवसाइयों को समस्याएँ आ रही थी।
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विभागीय अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि विभाग व्यवसाइयों को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुविधाएँ देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे वे प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था में ज्यादा से ज्यादा योगदान दे सकें।आयुक्त वाणिज्यिक कर लोकेश कुमार जाटव ने बताया कि जीएसटी पंजीयन के लिए एसओपी जारी करने से व्यवसाइयों तथा विभाग के अधिकारियों की समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
ऐसे होगी आसानी
विभाग के अधिकारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन के आवेदन के साथ संलग्न किए जाने योग्य दस्तावेज, व्यवसाय की प्रकृति के अनुसार सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है। इन दस्तावेज का सत्यापन स्वयं अधिकारियों द्वारा अलग-अलग विभागों की वेबसाइट से किस प्रकार किया जाना चाहिए, इस संबंध में भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
व्यवसाइयों को अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ेगा। इससे पंजीयन जारी करने की प्रक्रिया जल्दी पूरी हो सकेगी। नई आदर्श प्रक्रिया में अब सिर्फ आवेदक का पैन, आधार, मोबाइल नम्बर, मेल आईडी एवं व्यवसायिक स्थल के प्रमाण के आधार पर ही जीएसटी पंजीयन जारी किया जायेगा।
पंजीयन में एकरूपता
नई एसओपी अनुसार ही पंजीयन की कार्यवाही किए जाने के लिए अधिकारियों को लगातार निर्देशित किया जा रहा है। एसओपी जारी होने से जहाँ एक ओर प्रदेश के जीएसटी विभाग के समस्त कार्यालयों में पंजीयन की प्रक्रिया में एकरूपता सुनिश्चित होगी, वहीं दूसरी ओर व्यवसाइयों के पंजीयन के सत्यापन हेतु अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने की अनिवार्यता भी समाप्त होगी।
विभिन्न व्यवसायिक संगठन एवं विधिक संगठन लंबे समय से ऐसी व्यवस्था की मांग करते आ रहे थे। नई एसओपी से जहाँ एक ओर बोगस पंजीयन में रोक लगेगी। वास्तविक व्यवसाइयों को अनावश्यक दस्तावेज की मांग से मुक्ति मिलेगी और पंजीयन प्राप्त करने की प्रक्रिया में शीघ्रता आएगी। इस एसओपी को बनाने में उपायुक्त मनोज चौबे, सहायक आयुक्त श्रीमती प्रीति जौहरी, वाणिज्यिक कर अधिकारी हरीश जैन तथा अतुल त्रिपाठी का महत्वपूर्ण योगदान है।