September 29, 2024

कुत्तों के काटने से ही नहीं बिल्ली, जंगली पशु, गाय व घोड़े के काटने से भी हो सकता है रेबीज

0

रायपुर
भारत में हर वर्ष 20 हजार लोग रेबीज की वजह से मौत का शिकार हो रहे और लगभग 18 लाख लोगों को कुत्ते या अन्य जानवर के काटने के बाद एंटी रेबीज टीकाकरण होता है। रेबीज मनुष्यों में मुख्य रुप से कुत्तों के काटने से होता है पर उसके अलावा बिल्ली, जंगली पशु, गाय या घोड़े के काटने से भी हो सकता है। इसके साथ ही रेबीज ग्रस्त मरीज से प्राप्त कार्निया या अंग प्रत्यारोपण करने पर भी हो सकता है। पेट हेल्थ क्लीनिक 15 अगस्त को नि:शुल्क एंटी रेबीज टीकाकरण एवं पौध वितरण का कार्यक्रम करने जा रहा है जिसमें लोगों को रेबीज के बारे में बारीकी से जानकारी दी जाएगी।

पेट हेल्थ क्लीनिक के संचालक डा. पदम जैन ने पत्रकारावार्ता में बताया कि एंटी रेबीज टीकाकरण शिविर का यह 18वां वर्ष है और इस वर्ष 1500 से 2000 कुत्तों का रेबीज टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा है। टीकाकरण शिविर सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक 15 अगस्त को शॉप नंबर 7 अशोका टॉवर शंकरनगर में आयोजित किया गया है। उन्होंने बताया कि रेबीज वायरस मुख्य रुप से दिमाग (ब्रेन) को प्रभावित करता है, दिमाग में सूजन होने के बाद इसके लक्षण दिखाई पड?े लगते है। मनुष्यों में रेबीज के प्राथमिक लक्षण बिल्कुल लू की तरह होते है जिसमें सिरदर्द, हल्का बुखार, कॅपकाफी एवं कभी-कभी उल्टी के रुप में परिलक्षित होता है। बाद में रेबीज ग्रस्त व्यक्ति पानी, तेज आवाज, तेज रोशनी से भी डरने लगता है तथा तेज आवाजे निकालता है, धीरे से शरीर के विभिन्न हिस्सों में पक्षाघात एवं अंत में मौत हो जाती है। इन सबके अलावा खुले घाव, मुंह या गेस्ट्रीक अल्सर रेबीज ग्रस्त जानवर की लार के संपर्क में आने से भी रेबीज होने की संभावना रहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *