प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने 5000 वर्गफीट से कम के प्लॉट सुविधा की मांग
भोपाल
प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से डीआईसी और एमपीडीआईसी के अंतर्गत आने वाले औद्योगिक क्षेत्र में बदलाव करने की मांग की जाने लगी है। इस क्षेत्र में 5000 वर्ग फीट या उससे कम के छोटे प्लाट में 25% भूमि का आरक्षण दिए जाने और प्रदेश के हर जिले मेंं ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए मल्टी स्टोरी क्लस्टर सुविधा की मांग की गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात में यह जानकारी लघु उद्योग भारती ने देते हुए कहा कि प्रदेश में नवीन उद्योग लगाने के लिए एवं पुराने उद्योगों को चलाने में जो कठिनाइयां आ रही हैं उसे दूर करना आवश्यक है। अनुदान राशि मंजूरी प्रक्रिया पूरी तरह आॅनलाइन करने और एमपीआईडीसी में पहले आओ पहले पाओ की व्यवस्था लागू करने की मांग की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में नगर निगम सीमा के अंतर्गत आने वाले औद्योगिक क्षेत्रो में दोहरे कर के रूप में संधारण शुल्क एवं नगर निगम टैक्स वसूल कर रही है। यह दोहरा टैक्स समाप्त करने की मांग की गई है। औद्योगिक क्षेत्रो की लीज भूमि को फ्री होल्ड करने का प्रावधान करने और एक करोड़ से अधिक आॅइल उद्योगों को एमएसएमई पॉलिसी के अंतर्गत छूट देने की मांग भी संघ ने की है। मंडी बोर्ड से निराश्रित शुल्क समाप्त किए जाने, अन्य राज्यों की तुलना में स्टांप ड्यूटी बहुत अधिक है जिसे कम किए जाने, सौर ऊर्जा में शासन 40% सब्सिडी दिए जाने और वर्तमान क्लस्टर नीति में 5 एकड़ से कम 2 एकड़ में क्लस्टर प्रारंभ जाने की मांग भी शासन से की गई है।
प्रतिनिधि मंडल ने की थी सीएम से मुलाकात
लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधि मंडल ने पिछले दिनों सीएम चौहान से मुलाकात की थी। द्वारा जिसमें संघ के प्रदेश महामंत्री अरुण सोनी ,पूर्व अभा अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता, राष्ट्रीय सचिव समीर मूंदड़ा, प्रदेश अध्यक्ष महेश गुप्ता, प्रदेश कोषाध्यक्ष अरविंद मनोहर काले, मध्य भारत सचिव सोबरन सिंह तोमर शामिल थे। संगठन द्वारा मुख्यमंत्री को 29 व 30 जुलाई को प्रदेश स्तरीय एमएसएमई- स्टार्टअप कॉन्क्लेव में बुलाया गया है।