September 24, 2024

भारत से नेपाल में विस्फोटकों का आयात दोबारा शुरू

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काठमांडू,
नेपाल के निर्माण क्षेत्र के लिए भारत से विस्फोटकों का आयात फिर शुरू हो गया है। नेपाली सेना के प्रवक्ता कृष्ण प्रसाद भंडारी ने बताया कि भारत से विस्फोटकों का आयात इसी सप्ताह से शुरू हो गया है।

नेपाल में विस्फोटकों के दुरुपयोग के संदेह के कारण भारत ने छह महीने पहले आयात परमिट नहीं दिया था। चीनी कंपनियों के प्रोजेक्ट्स में विस्फोटक पहुंचने से भारत ने हाथ खींच लिए थे। इसके बाद जब विस्फोटकों की कमी हो गई तो नेपाल ने चीन से विस्फोटक आयात करना शुरू कर दिया।

भारत से विस्फोटकों के लिए कच्चे माल का आयात फिर से शुरू होने के बाद नेपाली सेना के इमल्शन प्लांट के संचालन में कोई दिक्कत नहीं आई है। सैन्य प्रवक्ता भंडारी ने बताया कि इमल्शन प्लांट के लिए आवश्यक विस्फोटकों का कच्चा माल पर्याप्त मात्रा में मिलना शुरू हो गया है।

भारत ने नेपाल को केवल नेपाली निवेश से बनने वाली परियोजनाओं के लिए विस्फोटकों की अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दी है। चीनी निवेश और चीनी निर्माण कंपनियों से जुड़ी परियोजनाओं के लिए एनओसी नहीं दी गई है। सैन्य प्रवक्ता भंडारी ने बताया कि एनओसी प्राप्त परियोजनाओं के लिए विस्फोटकों का आना शुरू हो गया है।

भारतीय निवेश और कंपनी की भागीदारी के साथ निर्माण क्षेत्र के लिए एनओसी है। इससे उन्हें विस्फोटकों की कोई दिक्कत नहीं होती। नेपाल में निर्माण क्षेत्र में चीनी कंपनियों का दबदबा शुरू होने के बाद नेपाल में भारत द्वारा सख्त नीति अपनाने का मुद्दा उठाया जा रहा है।

चीनी कंपनियां काठमांडू तराई एक्सप्रेसवे (फास्ट ट्रैक), कुछ सुरंगों और जलविद्युत परियोजनाओं में शामिल हो रही हैं। सीमेंट उद्योग में चीन का निवेश भी बहुत बड़ा है। नेपाल सरकार ने चीन से भी विस्फोटकों के आयात की अनुमति देने का फैसला किया है।

हालाँकि चीन से आयातित विस्फोटक महंगा है। चीन से विस्फोटक आयात करने पर भारत की तुलना में 10.5 फीसदी ज्यादा टैक्स देना पड़ता है। इसलिए, चीन से आयातित विस्फोटक भारत की तुलना में अधिक महंगे होते हैं। दूसरी ओर, सीमा पर अतिरिक्त शिपिंग लागत और सुरक्षा शुल्क का भुगतान करना पड़ता है।

बांग्लादेश में डेंगू से अबतक 215 लोगों की मौत

ढाका
 बारिश की शुरुआत के साथ बांग्लादेश में डेंगू की समस्या खतरनाक रूप ले रही है। देश में 24 घंटे के भीतर डेंगू से 14 लोगों की मौत हो गई और रिकॉर्ड 2653 डेंगू के मामले सामने आए।

खासकर राजधानी ढाका में डेंगू की स्थिति और भी खराब है, जहां 4760 इलाज करा रहे हैं। जबकि देशभर में डेंगू मरीजों की संख्या 8189 पहुंच गई है।

समाचार पत्र ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक बांग्लादेश में इस वर्ष अभी तक डेंगू के 40341 मामले दर्ज किए गए हैं और 31937 लोगों के डेंगू से स्वस्थ होने के आंकड़े हैं। डेंगू से मरने वालों का ताजा आंकड़ा सामने आने के बाद डेंगू से मरने वालों की कुल संख्या अबतक 215 हो गई है। डेंगू से मौत के मामले अकेले ढाका शहर में कुल मौतों में 172 है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के मुताबिक डेंगू के नए मरीजों में से 1327 को ढाका के अस्पतालों और बाकी मरीजों को बाहर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

डेंगू से होने वाले मौत के मामले में जुलाई काफी डरावना महीना बन गया है जिसमें अबतक 215 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 2022 में बांग्लादेश में डेंगू से 281 लोगों की मौत हुई थी। उससे पहले 2019 में डेंगू से मरने वालों की संख्या 179 थी। कोरोना काल में डेंगू के मामलों में अप्रत्याशित रूप से कमी देखी गई थी।

विशेषज्ञों को अगस्त और सितंबर में देश में डेंगू की स्थिति और भी बिगड़ने का अंदेशा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति से निबटने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जाने की जरूरत है।

 

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