November 26, 2024

क्या स्टार का सिंबल लगे ₹500 के नोट नकली हैं? जानें RBI ने क्या कहा

0

 नई दिल्ली
 सोशल मीडिया पर आजकल एक खबर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें कहा जा रहा कि स्टार (*) चिन्ह वाला 500 रुपये का नोट नहीं चलेंगे। इस पर रिजर्व बैंक ने गुरुवार को ऐसे नोटों की वैधता पर लोगों की चिंताओं को दूर करते हुए कहा कि ये करेंसी नोट किसी भी अन्य कानूनी बैंक नोट के समान है। आरबीआई ने कहा कि यह प्रतीक बैंकनोट के नंबर पैनल में डाला जाता है, जिसका उपयोग क्रमबद्ध क्रमांकित बैंकनोटों के 100 के पैकेट में दोषपूर्ण प्रिंट नोटों के रिप्लेसमेंट के रूप में किया जाता है।

इसके अलावा पीबीआई फैक्ट चेक ने भी ट्विट कर बताया है कि कहीं आपके पास भी तो नहीं है स्टार चिह्न (*) वाला नोट? कहीं ये नकली तो नहीं? घबराइए नहींद्ध ऐसे नोट को नकली बताने वाले मैसेज फर्जी है। RBI द्वारा दिसंबर 2016 से नए ₹500 बैंक नोटों में स्टार चिह्न (*) की शुरुआत की गई थी।

क्या है वायरल मैसेज में: "पिछले 2-3 दिनों से * चिह्न वाले ये 500 के नोट बाजार में चलन शुरू हो गए हैं। ऐसा नोट इंडसइंड बैंक से लौटाया गया है, यह नकली है नोट, आज एक मित्र को एक ग्राहक से ऐसे 2-3 नोट मिले, लेकिन ध्यान देने के कारण उन्होंने तुरंत वापस कर दिएद्ध ग्राहक ने यह भी कहा कि यह नोट किसी ने सुबह दिया था। अपना ध्यान रखना। बाजार में नकली नोट ले जाने वाले फेरीवालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।"
 

क्यों लगाया जाता है स्टार निशान: आरबीआई के मुताबिक, स्टार का निशान ऐसे नोट में लगाया जाता है, जिसे गलत छपे हुए या किसी गलती की वजह से इस्तेमाल के लायक न रहने वाले नोट की जगह पर बदला जाता है। सीरियल नंबर वाले नोटों की गड्डी में गलत ढंग से छपे नोट के बदले स्टार निशान वाले नोट जारी किए जाते हैं।

वर्ष 2006 से इसका इस्तेमाल: आरबीआई के अनुसार, स्टार निशान वाले नोट का चलन वर्ष 2006 से शुरू किया गया। इसका मकसद नोट की छपाई को आसान बनाने और लागत को कम करने के लिए था। इससे पहले रिजर्व बैंक गलत छपने वाले नोट को उसी नंबर के सही नोट से बदलता था। हालांकि, नए नोट के छपने तक पूरे बैच को अलग रखा जाता था, जिससे लागत और समय दोनों बढ़ते थे। इसी वजह से स्टार निशान का तरीका लागू किया गया, जिससे खराब हुए नोट को तुरंत बदला जा सके।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *