November 25, 2024

चुनाव से पहले BJP की राष्ट्रीय टीम का ऐलान, कैलाश विजयवर्गीय फिर राष्ट्रीय महामंत्री

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भोपाल
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की राष्ट्रीय टीम का ऐलान हो गया है। राष्टÑीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की टीम में मध्यप्रदेश से कैलाश विजयवर्गीय को फिर से राष्टÑीय महामंत्री का दायित्व दिया गया है। नई कायकारिणी में बीएल संतोष को पुन: संगठन महामंत्री का दायित्व सौंपा गया है। साथ ही मध्यप्रदेश से ओमप्रकाश धुर्वे को राष्टÑीय सचिव एवं सौदान सिंह को पुन: राष्टÑीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। मंदसौर से सांसद सुधीर गुप्ता को राष्टÑीय सहकोषाध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। अभी बीजेपी में संसदीय दल के सदस्य के रूप में सत्यनारायण जटिया का नाम भी मध्यप्रदेश से शामिल है।

पुरानी सूची के बहुत से नाम रिपीट किए गए हैं। जिन तीन नए नामों को शामिल किया गया है उनमें राधामोहन अग्रवाल राष्टÑीय महामंत्री, संजय बंदी राष्टÑीय महामंत्री और अनिल एंटोनी राष्टÑीय सचिव बनाए गए हैं। संजय बंदी इससे पहले तेलंगाना प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं। जबकि कांग्रेस वरिष्ठ नेता एके एंटोनी के बेटे अनिल एंटोनी को कांग्रेस छोड़ने का पुरस्कार दिया गया है। जेपी नड्डा की कार्यकारिणी में पांच महिलाओं को भी प्रमुखता से स्थान मिला है। इनमें वसुंधरा राजे सिंधिया, सरोज पांडे, रेखा वर्मा, डीके अरुणा, लता उसेंडी प्रमुख रूप से शामिल हैं। वहीं आदिवासी महिलाओं को कार्यकारिणी में स्थान दिया गया है। पूरी कार्यकारिणी में एक मात्र कैलाश विजयवर्गीय ऐसे नेता हैं जो हैट्रिक के साथ पुनर्वापसी करने में कामयाब रहे हैं।

मेनन को फिर मिला मौका
मध्यप्रदेश के प्रदेश संगठन महामंत्री रह चुके अरविन्द मेनन को राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा की टीम में दूसरी बार जिम्मेदारी मिली है। उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है। वे पश्चिम बंगाल में विजयवर्गीय के साथ काम कर चुके हैं।

शाह से लेकर नड्डा तक
वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय यह हैप्पी हैट्रिक मानी जा रही है। यानि लगातार तीसरी बार राष्टÑीय महामंत्री के पद पर कैलाश विजयवर्गीय मध्यप्रदेश इंदौर से इकलौते ऐसे नेता हैं जिन्हें यह जवाबदारी निरंतर मिली है।  इसके पहले वे अमित शाह के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहने के दौरान उनकी टीम में भी राष्ट्रीय महासचिव रह चुके हैं। शाह की टीम में काम करने के दौरान उन्हें पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और वहां भाजपी की सीटें बढ़ाने में वे कामयाब भी रहे थे।

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