पसमांदा मुसलमान सियासी पार्टियों का वोट बैंक नहीं बनेगा, पांच किलो गेहूं-चावल नहीं सटीक कार्ययोजना बनाएं पीएम
लखनऊ
पसमांदा मुस्लिम समाज की राष्ट्रीय व राज्य कार्यकारिणी की बैठक में विभिन्न प्रदेशों से आए पदाधिकारियों ने एकमत से कहा कि पसमांदा मुसलमान राजनीतिक पार्टियों का वोट बैंक नहीं बनेगा। अगर प्रधानमंत्री पसमांदा मुसलमानों के लिए कोई सटीक कार्ययोजना बनाकर उसको अमलीजामा नहीं पहनाते हैं तो देश का पसमांदा मुसलमान अपना फैसला करने के लिए खुद सक्षम है।
मंगलवार को अलीगंज में एक सभागार में आयोजित की गई राष्ट्रीय एवं राज्य कार्यकारिणी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बैठक को संबोधित किया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने कहा कि देश के पसमांदा मुसलमानों का भला पांच किलो गेहूं-चावल देने की योजना से नहीं हो सकता। पसमांदा मुसलमानों का मर्ज अलग है, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उस मर्ज के लिए अलग दवा देनी चाहिए।
अनीस मंसूरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पसमांदा मुसलमानों का दर्द भली-भांति पता है लेकिन वह चाहते हैं कि पांच किलो गेहूं चावल जैसी आम सरकारी योजनाओं की गिनती करवा कर पसमांदा मुसलमानों हो बीजेपी की तरफ आकर्षित कर लें। इसी को लेकर के बीजेपी जल्द ही देशभर में पसमांदा यात्रा निकालने की तैयारियों में जुटी है।
हाजी अंजुम अली एडवोकेट राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री लगातार पिछले एक वर्ष से पसमांदा मुसलमानों को लेकर गहरी चिंता जता रहे हैं और पार्टी के कुछ चाटूकार नेताओं को लगा कर पसमांदा स्नेह यात्रा चलाने जा रहे हैं, इस से पसमांदा मुसलमानों का भला होने वाला नहीं है। इस अवसर पर मुख़्तार मंसूरी आँवला, हाजी अंजुम अली एडवोकेट, राष्ट्रीय महासचिव, वसीम राईनी प्रदेश अध्यक्ष, हाजी हनीफ मंसूरी कानपुर, हाजी नसीम मंसूरी मण्डल अध्यक्ष खुर्शीद आलम सलमानी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी, तहसीन मंसूरी बड़ी तादाद में प्रतिनिधि मौजूद थे।