September 23, 2024

रोहित शर्मा और विराट कोहली की गैरमौजूदगी से लेकर फ्लॉप बल्लेबाज तक, जानें भारत की हार के 5 बड़े कारण

0

नई दिल्ली
भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैच की वनडे सीरीज का दूसरा मुकाबला बरबाडोस के केंसिंग्टन ओवल मैदान पर खेला गया था। इस मैच में मेजबानों ने 6 विकेट से टीम इंडिया को धूल चटाकर ना सिर्फ सीरीज में बराबरी की, बल्कि टीम इंडिया की विनिंग स्ट्रीक का भी अंत किया। यह पिछले 5 सालों में वेस्टइंडीज की भारत पर वनडे फॉर्मेट में पहली जीत है, वहीं पिछले 10 वनडे मुकाबलों में उन्होंने पहली बार टीम इंडिया को हराया है। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने ईशान किशन के अर्धशतक की मदद से वेस्टइंडीज के सामने 182 रनों का लक्ष्य रखा था, इस स्कोर का पीछा मेजबानों ने 36.4 ओवर में 4 विकेट खोकर किया। विंडीज की इस जीत में कप्तान शे होप चमके जिन्होंने अर्धशतकीय पारी खेली।
 

आइए जानते हैं भारत की इस हार के 5 बड़े कारण क्या रहे-

रोहित-कोहली को आराम देना पड़ा भारी
बारबाडोस वनडे में टीम इंडिया की हार की मुख्य वजह रोहित शर्मा और विराट कोहली की गैरमौजूदगी रही। युवा खिलाड़ियों को आजमाने के लिए इन दोनों सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया गया था, मगर क्या वर्ल्ड कप से कुछ महीने पहले टीम मैनेजमेंट के इस फैसले को सही ठहराया जाएगा? इस मैच में टीम इंडिया को रोहित शर्मा की कप्तानी के साथ मिडिल ऑर्डर में विराट कोहली के अनुभव की काफी कमी महसूस हुई। कोहली वनडे क्रिकेट बादशाह है और वह गेम को अच्छे से चलाना जानते हैं। अगर वह टीम में मौजूद होते तो युवा खिलाड़ियों के साथ साझेदारी कर टीम को चुनौतीपूर्ण स्कोर तक जरूर पहुंचाते। वहीं लो स्कोरिंग मुकाबले में रोहित शर्मा की कप्तानी के बेबाक फैसलों की भी कमी दिखी।

गिल-किशन ने दी अच्छी शुरुआत
खैस, सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में ईशान किशन को एक बार फिर पारी का आगाज करने का मौका मिला और उन्होंने सीरीज का लगातार दूसरा अर्धशतक जड़ते हुए शुभमन गिल के साथ 90 रनों की साझेदारी की। किशन ने 55 तो गिल ने 34 रन बनाए। मगर जैसे ही ये दोनों बल्लेबाज आउट हुए टीम ताश के पत्तों की तरह ढह गई।

ओपनर्स को छोड़कर पूरा बैटिंग ऑर्डर हुआ पस्त
रोहित-विराट की गैरमौजूदगी में भी भारत के पास 8वें नंबर तक बल्लेबाजी के ऑपशन्स थे, वहीं कुलदीप यादव का भी डोमेस्टिक क्रिकेट में रिकॉर्ड शानदार रहा है। मगर इसके बावजूद टीम इंडिया 90 रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप के बाद भी 181 रनों पर सिमट गई। भारत ने अगले 9 विकेट मात्र 91 रनों के अंदर खोए। इसे अब मेजबानों की कसी हुई गेंदबाजी कहे या फिर भारतीय बल्लेबाजों का फ्लॉप प्रदर्शन। 8 महीने बाद संजू सैमसन को नीली जर्सी में खेलने का मौका मिला था, मगर उन्होंने इस बार भी निराश किया। वहीं हार्दिक पांड्या और रविंद्र जडेजा जैसे बल्लेबाजी भी कुछ नहीं कर पाए। सूर्यकुमार यादव ने 24 रन की पारी जरूर खेली, मगर वह इस अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तबदील नहीं कर पाए। भारत के कुल 5 बल्लेबाज सिंगल डिजिट पर आउट हुए।

स्पिनर्स का नहीं चला जादू
पहले वनडे में स्पिनर्स की अपार सफलता को देखते हुए टीम मैनेजमेंट ने दूसरे मुकाबले में अक्षर पटेल समेत कुलदीप यादव और रविंद्र जडेजा के रूप में तीन स्पिनर्स को खिलाने का फैसला किया। मगर इस बार भारतीय स्पिनर्स की एक ना चली। कुलदीप यादव को एकमात्र विकेट मिला, उन्होंने शिमरन हेटमायर को क्लीन बोल्ड किया, मगर जडेजा और अक्षर को एक भी सफलता नहीं मिली। हैरानी की बात यह रही कि तीनों स्पिनर्स ने मिलकर कुल 16 ही ओवर गेंदबाजी की जिसमें अक्षर पटेल को सबसे कम 2 ओवर मिले।

शे होप ना गाड़ा खूटा
अच्छी शुरुआत के बाद वेस्टइंडीज की पारी लड़खड़ा गई थी। लक्ष्य का पीछा करने उतरी विंडीज टीम को काइल मेयर्स (36) और ब्रैंडन किंग (15) की जोड़ी ने अच्छी शुरुआत देते हुए पहले विकेट के लिए 53 रन जोड़े, मगर शार्दुल ठाकुर की कहर बरपाती गेंदबाजी के चलते मेजबानों ने 20 रन के अंदर 3 विकेट गंवा दिए। इसके बाद कुलदीप यादव ने 9 के निजी स्कोर पर शिमरन हेटमायर को बोल्ड कर मैच में रोमांच का तड़का लगाना चाहा, मगर कप्तान शे होप (63) ने एक छोर पर अपना खूटा गाड़ा और ब्रेंडन किंग (48) के साथ 5वें विकेट के लिए 91 रनों की नाबाद साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *