फिर उड़ने को तैयार जेट एयरवेज… यह है की अब तक की Airways की कहानी
नई दिल्ली
जल्द ही जेट एयरवेज (Jet Airways) फिर से उड़ान भर सकती है। डीजीसीए (DGCA) ने जेट एयरवेज का एयरपोर्ट ऑपरेटर सर्टिफिकेट रिन्यू कर दिया है। 25 साल तक आसमान में उड़ने के बाद अप्रैल 2019 में जेट एयरवेज का परिचालन रुक गया था। घाटे, कर्ज और बकाया के बोझ के तले दबी इस एयरलाइन को अपना परिचालन रोकना पड़ा था। इसके बाद यह एयरलाइन दिवालिया प्रक्रिया में चली गई थी। इसके बाद जून 2021 में जालान-कालरॉक कंसोर्टियम (JKC) की समाधान योजना को मंजूरी दी गई थी। यह कंसोर्टियम जेट एयरवेज का परिचालन फिर से शुरू करने के लिए तेजी से प्रयास कर रहा है। अब डीजीसीए ने एयरलाइन का एयरपोर्ट ऑपरेटर सर्टिफिकेट भी रिन्यू कर दिया है। इस खबर के बाद सोमवार को कंपनी का शेयर (Jet Airways Share) अपर सर्किट पर खुला। आइए सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं कि जेट एयरवेज की दिवालिया प्रक्रिया में अब तक क्या-क्या हुआ है।
साल 2018
एयरलाइन में संकट का पहला संकेत मिला था। वित्त वर्ष 2018 की चौथी तिमाही में जेट एयरवेज ने 1036 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। इससे एक साल पहले की समान तिमाही में इसने 602 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था। यह 11 तिमाहियों में कंपनी का पहला तिमाही घाटा था।
मईः जेट एयरवेज की नेटवर्थ नेगेटिव हो जाती है।
2 अगस्तः वेतन में कटौती पर विचार की पहली रिपोर्ट सामने आई थी।
9 अगस्तः जेट एयरवेज का पहली तिमाही का परिणाम स्थगित कर दिया गया, क्योंकि बोर्ड ने अपने ऑडिटर्स से अधिक स्पष्टता मांगी थी।
13 अगस्तः केपीएमजी इंडिया से जुड़ी बीएसआर एंड कंपनी ने जेट एयरवेज के पहली तिमाही के परिणामों पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था। ऑडिट फर्म एयरलाइन की परिचालन जारी रखने की क्षमता पर संदेह पैदा करती है।
28 अगस्तः एयरलाइन ने वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में 1,323 करोड़ रुपये के नुकसान की सूचना दी। इसके ईंधन की लागत 53% तक बढ़ जाती है। कंपनी एक लागत कटौती कार्यक्रम शुरू करती है जिसका उद्देश्य दो वर्षों में 2,000 करोड़ रुपये की बचत करना था।
19 सितंबरः आयकर अधिकारियों ने जेट एयरवेज के ऑफिसों पर छापा मारा।
20 सितंबरः मुंबई-जयपुर फ्लाइट में सवार 30 यात्रियों ने क्रू द्वारा विमान के इंटरनल प्रेशर कंट्रोल को एक्टिव करने में विफल रहने के बाद नाक और कान से खून बहने की शिकायत की।
अक्टूबरः पायलटों से 'असहयोग' की धमकियों के बावजूद, एयरलाइन सैलरीज का पेमेंट टाल दिया।
4 अक्टूबरः रेटिंग एजेंसी इकरा ने जेट एयरवेज के लॉन्ग टर्म बोरोइंग प्रोग्राम को डाउनग्रेड किया।
18 अक्टूबरः टाटा ने जेट एयरवेज में संभावित निवेश के लिए नरेश गोयल के साथ बातचीत की। लेकिन टाटा और डेल्टा एयर लाइन्स के साथ बातचीत गोयल की भविष्य की भूमिका को लेकर रुकी हुई है। संभावित निवेशक चाहते हैं कि गोयल अपना नियंत्रण छोड़ दें।
19 अक्टूबरः जेट एयरवेज ने डेली ऑपरेशंस में कटौती शुरू की। 13 विमानों को ग्राउंडेड किया गया।
16 नवंबरः जेट एयरवेज के प्रपोजल पर चर्चा करने के लिए टाटा संस के बोर्ड की बैठक। यह नरेश गोयल से नो-कॉम्पीट क्लॉज पर जोर देता है। दोनों पक्षों के बीच बातचीत धीमी हो जाती है।
19 नवंबरः मुंबई से दस उड़ानें रद्द कर दी गईं। जबकि रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पायलटों ने ड्यूटी पर आने से इनकार कर दिया।
26 नवंबरः नरेश गोयल ने एतिहाद एयरवेज के साथ बातचीत फिर से शुरू की, जिसके पास पहले से ही जेट में 24% हिस्सेदारी है।
27 नवंबरः एयरलाइन ने अपने पायलटों से वादा किया कि वह मार्च 2019 तक बकाया का भुगतान कर देगी। लेकिन पायलट आश्वस्त नहीं थे।
2 दिसंबरः पायलटों के बीमार होने के कारण और उड़ानें रद्द कर दी गईं।
3 दिसंबरः एयरलाइन ने सात गल्फ रूट्स पर सेवाएं बंद कर दीं। एक सप्ताह में 40 उड़ानें रद्द की गईं।
31 दिसंबरः जेट एयरवेज पहली बार कर्ज चुकाने में डिफॉल्ट कर गई।
साल 2019
21 फरवरीः एक ईजीएम ने बैंकों के नेतृत्व वाली समाधान योजना को मंजूरी दी, जिसमें उधारदाताओं को शेयरों का नया आवंटन भी शामिल था।
28 फरवरीः अब तक जेट एयरवेज को अपने लगभग 50 विमानों को ग्राउंडेड करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
25 मार्चः फाउंडर नरेश गोयल और पत्नी अनीता ने एयरलाइन के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया।
8 अप्रैलः ऋणदाताओं ने EoI आमंत्रित करने को कहा। एक ट्विस्ट में गोयल एक ईओआई भी सामने रखते हैं। एतिहाद एयरवेज, टीपीजी कैपिटल, इंडिगो पार्टनर्स और एनआईआईएफ भी इस दौड़ में शामिल हुए।
15 अप्रैलः सीईओ विनय दुबे ने 1,000 करोड़ रुपये के आपातकालीन फंडिंग के लिए बैंकों को पत्र लिखा। लेकिन कर्जदाता झुकते नहीं हैं।
16 अप्रैलः ऋणदाताओं ने अंतरिम फंड्स देने से इनकार कर दिया।
17 अप्रैलः ऋणदाताओं द्वारा फंड्स की रिक्वेस्ट को अस्वीकार करने के बाद जेट एयरवेज ने अपने परिचालन को अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की।
साल 2020
13 मार्चः जेट एयरवेज ने किसी भी बोलीदाता को आकर्षित करने में विफल रहने पर एनसीएलटी से समाधान प्रक्रिया के लिए और समय मांगा।
18 मार्चः एनसीएलटी ने समाधान प्रक्रिया के लिए और समय दिया।
14 जूनः एनसीएलटी ने जेट एयरवेज को बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) मुंबई में अपने परिसर को बेचने की अनुमति दी।
17 अक्टूबरः क्रेडिटर्स की समिति (सीओसी) ने जालान कालरॉक कंसोर्टियम की समाधान योजना को मंजूरी दी।
साल 2021
25 फरवरीः एनसीएलटी ने विमानन नियामक डीजीसीए को स्लॉट के लिए एयरलाइन के अनुरोध का जवाब देने के लिए और समय दिया।
9 मार्चः डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एनसीएलटी को सौंपे गए हलफनामे में स्लॉट पर कोई आश्वासन देने से इनकार कर दिया।
3 जूनः मंत्रालय ने एनसीएलटी को बताया कि जेट एयरवेज ऐतिहासिक प्राथमिकता के आधार पर स्लॉट देने के लिए योग्य नहीं है।
22 जूनः नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने जालान कालरॉक कंसोर्टियम की समाधान योजना को मंजूरी दी। एनसीएलटी ने कहा कि स्लॉट आवंटन मंत्रालय या उपयुक्त प्राधिकरण द्वारा तय किया जाएगा।
साल 2022
अगस्तः संजीव कपूर को जेट एयरवेज के लिए नामित सीईओ बनने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय से आवश्यक सुरक्षा मंजूरी मिल जाती है।
साल 2023
13 जनवरीः एनसीएलटी ने जालान-कालरॉक कंसोर्टियम को भुगतान करने और जेट एयरवेज का अधिग्रहण करने के लिए छह महीने और दिए।
31 जुलाईः डीजीसीए ने जेट एयरवेज के एयरपोर्ट ऑपरेटर सर्टिफिकेट को रिन्यू किया।