सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री वोंग ने सिखों के योगदान की प्रशंसा की
सिंगापुर
सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने कहा कि देश में सिखों ने अपनी संस्कृति, धर्म और विशिष्ट पहचान को बरकरार रखते हुए विविध क्षेत्रों में अहम योगदान दिए हैं। वह सिख सलाहकार बोर्ड (एसएबी) की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित रात्रिभोज में बोल रहे थे।
उन्होंने सभा में एकत्रित लोगों से कहा, ''आप सभी ने अपने-अपने व्यवसायों में खुद को साबित किया है और विविध क्षेत्रों में अहम योगदान दिया है…सबसे महत्वपूर्ण यह है कि सिखों ने सिंगापुर में अपनी संस्कृति, धर्म और विशिष्ट पहचान को बरकरार रखते हुए यह सब किया है।'' उन्होंने कहा, ''चाहे सिविल सेवा हो या सुरक्षा बल, न्यायपालिका, कारोबार, खेल या कोई अन्य पेशा हो, सिखों का सभी में अच्छा प्रतिनिधित्व रहा है। वे उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं और नेतृत्व की भूमिका निभा रहे हैं।''
उप प्रधानमंत्री ने कहा, ''सरकार के नजरिए से, हम समुदाय के साथ इस करीबी भागीदारी की प्रशंसा करते हैं तथा इसे अहमियत देते हैं। अन्य समुदायों की तुलना में आपकी संख्या कम हो सकती है लेकिन सिंगापुर में आपका योगदान इससे कहीं अधिक है।'' वोंग ने तीन साल पहले 2020 में कोरोना वायरस महामारी के दौरान देश में बढ़ी नस्लीय घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि हालात में अब सुधार है और चीजें अब स्थिर हो गयी हैं। उन्होंने बताया कि अब सिंगापुर में सिखों की तादाद करीब 13,000 है।
डेनमार्क में कुरान एवं अन्य धार्मिक कृतियों को जलाना अवैध बनाया जाएगा
हेलसिंकी
डेनमार्क सरकार विदेशी दूतावासों के सामने कुरान एवं अन्य धार्मिक पवित्र पुस्तकों की बेअदबी की घटनाओं को अवैध बनाएगी। डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन ने यह जानकारी दी।
रासमुसेन ने देश के सार्वजनिक प्रसारक 'डीआर' से साक्षात्कार के दौरान कहा कि पवित्र ग्रंथों को जलाने की घटनाएं ''उस दुनिया में केवल विभाजन पैदा करने का काम करती है, जिसे वास्तव में एकता की आवश्यकता है।''
उन्होंने कहा, ''इसीलिए हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि हम इस बात पर गौर करेंगे कि कैसे, विशेष परिस्थितियों में, हम अन्य देशों का उपहास बनाए जाने की ऐसी घटनाओं पर लगाम लगा सकते हैं जो डेनमार्क के हितों और उसकी सुरक्षा के लिए सीधा टकराव पैदा करती है।'' डेनमार्क और पड़ोसी स्वीडन में इस्लाम विरोधी कुछ लोगों द्वारा सार्वजनिक रूप से कुरान की बेअदबी किए जाने की घटनाओं को लेकर मुस्लिम देशों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
लोके रासमुसेन ने कहा कि देश की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन की कैबिनेट ऐसे कृत्यों पर लगाम लगाने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से समझौता किए बिना ''एक कानूनी तरीका'' खोजने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि यह काम आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा, ''धार्मिक आलोचना के लिए जगह होनी चाहिए और ईशनिंदा संबंधी धारा को फिर से लागू करने का हमारा कोई विचार नहीं है।''