सरकार बड़े फैसले के मूड में, शिक्षकों के ट्रांसफर संशोधन निरस्तीकरण का आदेश किसी भी समय …
रायपुर
शिक्षकों के प्रमोशन उपरांत पोस्टिंग घोटाले में सरकार कुछ बड़ा करने की तैयारी में है। पता चला है नियमों को धता बताते हुए चार हजार से अधिक पोस्टिंग को निरस्त करने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों का कहना है, कभी भी इसका आदेश आ सकता है। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ0 आलोक शुक्ला ने एनपीजी न्यूज को बताया कि पांचों कमिश्नरों की जांच रिपोर्ट मिल गई। आगे की कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे को भेज दी गई है।
ज्ञातव्य है, पदोन्नति में हुए संशोधन से सरकार की खूब किरकिरी हुई है और यह चर्चा का विषय बन गया है कि पैसे के दम पर स्कूल शिक्षा विभाग में कुछ भी कराया जा सकता है। लिहाजा, सरकार इस मूड में है की सख्त कार्रवाई की ऐसी नजीर पेश की जाए, ताकि आगे कोई ऐसा गड़बड़झाला करने से पहले सौ बार सोचे। स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे भी पुलिस में एफआईआर करने के संकेत दे चुके हैं।
पदोन्नति संशोधन के खेल में शामिल अधिकारियों के अतिरिक्त दोषी कर्मचारियों पर भी गाज गिरने की प्रबल संभावना है। जिनके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिलेंगे और यदि उन्हें निलंबित नहीं किया जा सका तो उनका अब प्रशासनिक तबादला तय है। क्योंकि सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग के नए मंत्री रविंद्र चौबे सख्ती के मूड में हैं। सूत्रों के हवाले से जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक कमिश्नर जांच के बाद यह पुष्टि हो चुकी है की जिन नेताओं ने जो लिखित शिकायत की थी और आंकड़ा प्रस्तुत किया था उससे कई गुना अधिक गड़बड़ियां हुई हैं और जो अंतिम आंकड़े निकल कर आएंगे वह चौकाने वाले रहेंगे।
विभाग के अधिकारी खुद हैरान है कि इतनी बड़ी मात्रा में संशोधन आखिर कैसे हो गए और जेडी जैसे पद पर बैठे जिम्मेदार अधिकारियों ने इसे होने कैसे दिया क्या कार्यवाही का खौफ उनके मन में था ही नहीं या सभी जेडी ने इसे अपनी अंतिम पारी मान लिया था। क्योंकि स्कूल शिक्षा विभाग ने अलग-अलग तीन बार निर्देश जारी किए थे और तीनों में ही संशोधन का कहीं पर कोई जिक्र नहीं था। यहां तक की जो व्यवस्था बनाई गई थी उसमें स्पष्ट तौर पर लिखा गया है
कि यदि किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो इसके लिए जेडी और डीईओ ही दोषी माने जाएंगे। उसके बावजूद आदेश को धता बताते हुए अधिकारियों ने बड़ा खेल खेल दिया है लेकिन सरकार ने अब अपने मंसूबे साफ कर दिए हैं यही वजह है कि स्कूल शिक्षा मंत्री की भी छुट्टी हो चुकी है और इस पूरे मामले में साथ देने वाले अधिकारी भी अब नए मंत्री के साथ नहीं है ऐसे में जिन शिक्षक नेताओं ने निरस्तीकरण को रोकने की कोशिश की है उनकी भी दाल नहीं गलने वाली है और माना जा रहा है कि किसी भी पल आदेश सामने आ सकता है।