CG में 4 जिले और 49 तहसील सूखे की चपेट में, राजस्व विभाग ने कलेक्टरों से तलब की रिपोर्ट
रायपुर
छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में रिकार्ड तोड़ बारिश हो रही है तो कई हिस्सों में सूखे का खतरा मंडरा रहा है। राजस्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 4 जिला और 49 तहसील सूखा की चपेट में जाते दिख रहे हैं। सूखा की चपेट में दिख रहे ज्यादातर जिला और तहसील सरगुजा संभाग के हैं। वहीं, बस्तर संभाग के कोंडगांव जिला में भी सूखा का खतरा दिख रहा है। कोंडागांव के सात में से पांच तहसीलों में औसत से कब बारिश हुई है।
राजस्व विभगा की रिपोर्ट के अनुसार सरगुजा संभाग में अभी तक मात्र 40 प्रतिशत बारिश ही हुई है। जिला के अंबिकापुर तहसील में केवल 35 प्रतिशत, दरिमा में 26, लुंड्रा में 27, सीतापुर में 59, लखनपुर में 49, उदयपुर व बतौली में 43-43 और मैनपाट में 45 प्रतिशत ही बारिश हुई है।
इसी संभाग के सूरजपुर जिले की स्थिति थोड़ी ठीक है। वहां जिला में अब तक लगभग 70 प्रतिशत बारिश हो चुकी है, लेकिन वहां की नौ में से तीन तहसीलों की स्थिति ठीक नहीं है। इनमें सूरजपुर में 68, लटोरी में 54 और प्रतापुर में 33 प्रतिशत शामिल है।
बलरामपुर तहसील में 45, शंकरगढ़ में 48, रामानुजगंज में 56 और वाड्राफनगर में 38 प्रतिशत बारिश हुई है, जबकि बलरामपुर जिला का औसत लगभग 60 प्रतिशत है। जशपुर में जिला का औसत लगभग 71 प्रतिशत है, लेकिन वहां की भी 5 तहसीलों जशपुर 68, कुनकुरी 65, परसा 48, कांसाबेल 49 और पत्थलगांव में 54 प्रतिशत ही बारिश हुई है। यानी ये तहसील भी सूखे की चपेट में हैं। मनेंद्रगढ़- चिरमिरी जिला की केल्हार तहसील में केवल 57 प्रतिशत बारिश हुई है।
इधर देवभोग में 61 और मैनपुर तहसील में 64 प्रतिशत ही बारिश हुई है। महासमुंद जिला की बसना तहसील में 64 प्रतिशत, रायगढ़ की छाल तहसील में 64, जांजगीर- चांपा जिला में जांजगीर में 65, अकलतरा में 68, बलौदा में 59 और चाम्पा में मात्र 31 प्रतिशत बारिश हुई है।
नवगठित सक्ती जिला की सक्ती तहसील में 54, जैजैपुर में 64, डभरा में 67 और अड़भार में 66 प्रतिशत बारिश हुई है। हालांकि जिला में बारिश का औसत 75 प्रतिशत है। कोरबा की हरदी बाजार तहसील में 57 प्रतिशत बारिश हुई है। जिला की बाकी तहसीलों की स्थिति ठीक है। जीपीएम की सकोला तहसील में 65 प्रतिशत बारिश हुई है।
जानिए क्या है सूखा का आधार
राजस्व विभाग के अफसरों के अनुसार यदि किसी जिला या तहसील में सामान्य से 30 प्रतिशत कम बारिश होती है तो उसे सूखा प्रभावित मान लिया जाता है। हालांकि किसी क्षेत्र को सूखा प्रभावित घोषित करने के लिए कई तरह की प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है। इसमें राज्य के साथ ही केंद्र सरकार की टीम भी निरीक्षण करती है। इसके आधार पर सूखा घोषित किया जाता है।