सिद्धू मूसेवाला का हत्यारा सचिन बिश्नोई अजरबैजान से भारत लाया गया
नई दिल्ली
सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मास्टरमाइंड लॉरेस बिश्नोई के भांजे गैंगस्टर सचिन बिश्नोई को जांच एजेंसी आजरबैजान से भारत ले आई है. सचिन को अजरबैजान से लाने के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम अजरबैजान पहुंची थी.
बता दें कि सचिन बिश्नोई, सिद्धू मूसेवाला की हत्या के कुछ दिन पहले दिल्ली से फर्जी पासपोर्ट बनवाकर फरार हो गया था. अब सचिन के भारत आने पर कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है. गैंगस्टर सचिन बिश्नोई को हाल ही में अजरबैजान से गिरफ्तार किया गया था. सचिन ने भारत में रहकर ही मूसेवाला हत्याकांड की प्लानिंग की और फिर दिल्ली से फर्जी पासपोर्ट बनवाकर अजरबैजान भाग गया था.
अजरबैजान लेने पहुंची थी स्पेशल टीम
NIA ने लॉरेंस बिश्नोई के ही प्रमुख सहयोगी विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बराड़ को संयुक्त अरब अमीरात से भारत निर्वासन के बाद गिरफ्तार किया था. बराड़ सिद्धू मूसेवाला की हत्या के अलावा निर्दोष लोगों और व्यापारियों की टारगेट किलिंग में शामिल था. स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस यूनिट में एक ACP, 2 इंस्पेक्टर समेत करीब 4 अधिकारियों की टीम अजरबैजान निकली थी.
मूसेवाला को सरेआम मारी गईं थी गोलियां
बता दें कि 29 मई 2022 को मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की सरेआम हत्या कर दी गई थी. उनकी गाड़ी को घेरकर शूटर्स ने अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं. उनकी गाड़ी को घेरकर शूटर्स ने अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं. ये शूटर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के थे. हत्याकांड कितना भयावह था इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पोस्टमार्टम में सिद्धू के शरीर पर गोलियों के 24 निशान मिले थे. यानी हत्यारे किसी भी कीमत पर मूसेवाला को जिंदा नहीं छोड़ना चाहते थे.
फर्जी पासपोर्ट के जरिए पहुंचा था अजरबैजान
सचिन को जब अजरबैजान से गिरफ्तार किया गया था, तब उसके पास से फर्जी पासपोर्ट भी मिला था. दरअसल, सचिन अपना पूरा नाम सचिन थापन लिखता है, जबकि उसके पास से तिलक राज टूटेजा के नाम का पासपोर्ट बरामद किया गया था. सचिन के पिता का असली नाम शिव दत्त है, जबकि फर्जी पासपोर्ट में उसके पिता का नाम भीम सेन लिखा हुआ था.
सचिन के दौस्त केकड़ा ने की थी रेकी
उसने अपने पासपोर्ट में पता भी फर्जी डाला हुआ था. उसका असली पता वीपीओ दतारियां वाली , जिला फजिल्का है. जबकि उसने फर्जी पासपोर्ट में पता के तौर पर मकान नंबर 330, ब्लॉक एफ-3, संगम विहार, दिल्ली दर्ज था. सचिन के कहने पर ही उसके दोस्त संदीप उर्फ केकड़ा ने सिद्धू मूसेवाला की रेकी की थी. घटना वाले दिन केकड़ा सिद्धू मूसेवाला का फैन बनकर उनके घर पहुंचा.
शूटरों को केकड़ा ने दी थी सारी जानकारी
केकड़ा ने बाहर मूसेवाला के साथ सेल्फी ली थी और काफी देर डटा रहा था. जैसे ही मूसेवाला बाहर निकले तो केकड़ा ने फिर सारी जानकारी आगे शूटरों को दे दी थी. उसके बाद शूटरों ने मूसेवाला को घेरने की योजना बना ली और मौका मिलते ही ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी.
गोल्डी और बराड़ बमबीहा गैंग के बीच दुश्मनी
कुछ दिनों पहले गोल्डी बराड़ की दुश्मन गैंग का एक गैंगस्टर फिलीपींस में मारा गया था. मारे गए गैंगस्टर का नाम संदीप था, जो बमबीहा गैंग के लिए काम करता था. जानकारी के लिए बता दें कि बमबीहा और गोल्डी बराड़ गैंग के बीच लंबे समय से दुश्मनी चल रही है. दोनों ही गैंग के कई सदस्य इस गैंगवॉर की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं. पंजाब का रहने वाला मंदीप भी इसी गैंगवार की वजह से दुनिया को अलविदा कह गया था.