September 23, 2024

आज से लग रहा है पंचक, दो ति​थियों पर भद्रा का साया, जानें क्या ना करें

0

 2 अगस्त दिन बुधवार से पंचक लग रहा है. इस दिन सावन अधिक मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. प्रतिपदा से लेकर पंचमी​ तिथि तक यानि 2 अगस्त से 6 अगस्त शनिवार तक पंचक है. इन 5 दिनों की 2 तिथियों द्वितीया और तृतीया पर भद्रा का साया है. ज्योतिषशास्त्र में पंचक को अशुभ माना जाता है. इसमें कई तरह के कार्य वर्जित हैं. कहा जाता है कि पंचक में किसी की मृत्यु होती है तो उस परिवार में 5 मृत्यु होने की आशंका रहती है. हालांकि बुधवार और गुरुवार से शुरू होने वाला पंचक अशुभ नहीं होता है. इसमें आप शुभ कार्य कर सकते हैं. 2 अगस्त से लगने वाले पंचक और भद्रा के बारे में. पंचक में क्या शुभ और अशुभ है?

अगस्त 2023 में पंचक कब से कब तक है?
पहला दिन: 2 अगस्त, बुधवार से पंचक का प्रारंभ
रात 11:26 पी एम से अगले दिन सुबह 05:43 ए एम तक
सावन अधिक मास कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि

दूसरा दिन: 3 अगस्त, गुरुवार, पूरे दिन पंचक
भद्रा समय: 4 अगस्त 02:28 ए एम से 05:44 ए एम तक
सावन अधिक मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि

तीसरा दिन: 4 अगस्त, शुक्रवार, पूरे दिन
भद्रा: सुबह 05:44 ए एम से दोपहर 12:45 पी एम तक
सावन अधिक मास कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि

चौथा दिन: 5 अगस्त, शनिवार, पूरे दिन
सावन अधिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि

पांचवा दिन: 6 अगस्त, शनिवार, सुबह 05:45 ए एम से देर रात 01:43 बजे तक
सावन अधिक मास कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि

पंचक कैसे बनता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा का शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, पूर्वाभाद्रपद, रेवती नक्षत्र के 4 चरणों और धनिष्ठा नक्षत्र के 3 चरण में भ्रमण काल पंचक कहा जाता है. कुंभ और मीन राशि में चंद्रमा के भ्रमण से पंचक बनता है.

किस दिन कौन सा पंचक?
जिस दिन पंचक की शुरूआत होती है, उसके अनुसार ही उसका प्रभाव होता है. सोमवार को शुरू होने वाला पंचक राज पंचक, मंगलवार को शुरू होने वाला अग्नि पंचक, शुक्रवार को प्रारंभ होने वाला चोर पंचक और शनिवार को शुरू होने वाला मृत्यु पंचक कहलाता है. रविवार को शुरू होने वाला रोग पंचक होता है. बुधवार और गुरुवार का पंचक अशुभ नहीं माना जाता है.

पंचक में क्या काम करना है मना
1. पंचक में चारपाई नहीं बनवानी चाहिए.
2. सूखी लकड़ी, घास, ज्वलनशील वस्तुओं को एकत्र न करें.
3. पंचक के समय दक्षिण दिशा में यात्रा करना वर्जित है.
4. पंचक काल में घर की छत नहीं बनवानी चाहिए.
5. पंचक में अंतिम संस्कार की मनाही है. लेकिन गरुड़ पुराण के उपायों को करके पंचक दोष दूर कर सकते हैं. फिर अंतिम संस्कार हो सकता है.

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *