UNSC में आतंकवाद पर चीन का एक और झूठ, जैश आतंकी को नहीं किया ब्लैकलिस्ट
नई दिल्ली
आतंकवाद के मुद्दे पर चीन का दोहरा मापदंड एक बार फिर से खुलकर सामने आया है। एक ओर तो चीन ने कहा कि वो आतंकवाद का समर्थन नहीं करता और इसके खिलाफ लड़ाई में वो दुनिया के देशों के साथ खड़ा है। वहीं दूसरी ओर यूएनएससी की बैठक में चीन ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अब्दुल रऊफ को ब्लैकलिस्ट करने मामले में अभी सहमत नहीं हुआ है। इसके लिए चीन ने समय मांगा है।
UNSC में चीन का दोहरा चरित्र
चीन ने शनिवार को खूंखार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर को काली सूची में डालने के प्रस्ताव पर अडंगा लगा दिया। ये प्रस्ताव अमेरिका और भारत की ओर से यूएनएससी में लाया गया था। 12 अगस्त को चीन ने यूएनससी की बैठक में आतंकवाद पर अपना दोहरा चरित्र उजागर करते हुए प्रस्ताव को पास नहीं होने दिया। हालांकि चीन ने इसके लिए वक्त मांगा है।
LAC पर जताई अनभिज्ञता
भारत- चीन बॉर्डर पर जारी तनाव का असर दोनों देशों के रिश्तों पर भी दिखाई दे रहा है। भारत और अमेरिका की ओर से संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को ब्लैक लिस्ट में डालने के प्रस्ताव पर चीन ने कोई निर्णय नहीं लिया। एलएसी के पास सैन्य-वायु सेना की गतिविधि की रिपोर्ट पर भारत में चीनी राजदूत सुन वेडोंग ने कहा, 'भारत और चीन के बीच हस्ताक्षरित समझौतों के अनुसार बॉर्डर पर सभी गतिविधियों का संचालन करता है। मुझे किसी मूवमेंट की कोई विशेष जानकारी नहीं है।'
चीन को अभी समय चाहिए- सुन वेडोंग
दिल्ली में जब चीनी राजदूत सुन वेडोंग से UNSC में भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर चीन के स्टैंड के बारे में पूछा गया तो वेडोंग ने कहा 'चीन को आतंकवादी के डेजिग्नेशन पर अप्लीकेशन का सावधानीपूर्वक स्टडी करने के लिए और समय चाहिए।
14 देशों किया था समर्थन अमेरिका पीछे हटा
जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन के आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर को काली सूची में डालने के अमेरिका और भारत के प्रस्ताव के समर्थन में यूएनएससी के 14 सदस्य देशों ने सहमति जताई थी। लेकिन चीन ने उसप बाधा डालते हुए कहा कि उसे अप्लीकेशन की स्टडी करने के लिए अभीसमय चाहिए। और जब भारत में चीन के दूत से इस विषय में सवाल किया गया तो ठीक वही जवाव उन्होंने भी दिया है।