बातों के उलझाकर लोगों से लूट लिए 11 करोड़, साइबर पुलिस ने किया गिरफ्तार
नई दिल्ली
किसी के सहयोगी की बेटी बनकर, कभी हॉस्पिटल में भर्ती होने, कभी एक्सीडेंट होने, कभी मां की डेथ के बहाने पैसे की मदद मांगकर लाखों की धोखाधड़ी करने के मामला सामने आया है। साउथ डिस्ट्रिक्ट के साइबर थाना की पुलिस टीम ने फ्रॉड के मामले में 5 आरोपियों को बिहार से पकड़ा है। जिनमें से एक नाबालिग भी है। यह गैंग अब तक 11 करोड़ की धोखाधड़ी कर चुका है। इनके पास से लाखों के कैश, कार्ड, चेक बुक, कई मोबाइल, सिम इत्यादि बरामद किए गए हैं।
गिरोह तक कैसे पहुंची पुलिस जानिए
डीसीपी साउथ चंदन चौधरी ने बताया कि 8 जुलाई को एक सीनियर सिटीजन ने लाखों के फ्रॉड की शिकायत साइबर थाना में दर्ज कराई थी। बताया था कि उसके पास आरोही झा नाम की एक लड़की का कॉल आया था। उस लड़की ने कहा कि वह उनके नजदीकी सहयोगी की बेटी है। उनकी मां हॉस्पिटल में एडमिट है, बिहार में। उसके इलाज के लिए पैसे की जरूरत है। मदद मिलने के बाद फिर कुछ दिन के बाद उसने कॉल करके कहा कि उसकी मां की मौत हो गई है, क्रिया कर्म के लिए उन्हें और पैसे की जरूरत है। पीड़ित बुजुर्ग ने उसे और पैसे भेज दिए। कुछ दिन के बाद फिर फोन आया कि उसका एक्सीडेंट हो गया है और वह न्यूरो हॉस्पिटल में एडमिट है। पीड़ित ने और पैसे मदद के लिए उसे ट्रांसफर कर दिया। बाद में पता चला कि उसके साथ चीटिंग की गई है।
साइबर थाना में एफ आई आर दर्ज किया गया और मामले की छानबीन शुरू की गई। एसएचओ अरुण कुमार वर्मा की देखरेख में सब इंस्पेक्टर संदीप सैनी, सहायक सब इंस्पेक्टर जितेंद्र, कौशल, विकास, प्रवीण, राज कुमार और अनिल की टीम ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से छानबीन शुरू की।फिर धीरे-धीरे करके इस पूरे मामले में पता चलता गया और फिर पुलिस ने इस गैंग का खुलासा किया।
जांच के दौरान पुलिस को क्या मिला?
जांच के दौरान पुलिस ने उस अकाउंट का पता लगाया जिसमें अमाउंट धोखाधड़ी करके मंगवाया गया था। वह जिस बैंक में गया था, पुलिस ने उस बैंक से डिटेल लिया। वहां का मोबाइल नंबर निकाला और जिस नंबर से पीड़ित के पास मैसेज आया था उसकी डिटेल निकाली। पता चला कि चीटिंग की रकम अलग-अलग चार बैंक अकाउंट में गई थी। जिसमें से दो बैंक अकाउंट सुमन कुमार के नाम से था। तीसरा बैंक अकाउंट आशीष कुमार के नाम पर निकला। पुलिस टीम इस मामले की जांच करती हुई सुमन कुमार और आशीष कुमार के बारे में पता किया।
पता चला की यह दोनों एनडीपीएस एक्ट के मामले में बिहार के सुपौल में गिरफ्तार होकर के जेल में है। फिर पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट पर दोनो को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा तीन और आरोपियों को भी पुलिस ने पकड़ा है। जिसमें से विवेक कुमार, अभिषेक कुमार के अलावा तीसरा नाबालिग है।
आरोपियों के पास क्या-क्या मिला?
इनके पास से पुलिस टीम ने 7 मोबाइल, एक लैपटॉप, पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, 5 सिम, 3 डेबिट कार्ड, 3 पोस्ट डेटेट चेक जिस पर 26 लाख अमाउंट भरा हुआ था। इसके साथ 1 लाख 78 हजार 500 कैश बरामद किया और बैंक अकाउंट में जमा साडे चार लाख अमाउंट को पुलिस ने फ्रिज करा दिया है। क्राइम ब्रांच और सुपौल के दो मामलों में शामिल है। आशीष एनडीपीएस के मामले में शामिल है। विवेक झारखंड का रहने वाला है और बिहार के मामले में शामिल है और अभिषेक के साथ नाबालिग भी पहले से 1-1 मामले में शामिल है।
पूछताछ में सुमन कुमार ने पुलिस को बताया कि वह अपने साथ ही आशीष कुमार के साथ मिलकर इस तरह की चीटिंग की वारदात को काफी पहले से अंजाम दे रहा है। वे लोग अब तक 11 करोड़ की चीटिंग कर चुके हैं। यह लोग लोगों को फेसबुक के जरिए पता करते थे। वहीं से डिटेल लेकर "मैजिक कॉल ऐप" के जरिए आवाज चेंज करके लड़की की आवाज में बात करके फिर "व्यापार एप" से फर्जी इनवॉइस क्रिएट करते थे हॉस्पिटल का। फिर हॉस्पिटल का बहाना बनाकर लोगों से अमाउंट मंगाते थे। आगे की और छानबीन अभी की जा रही है।