स्कूली बच्चों द्वारा सांकेतिक भाषा में राष्ट्रगान की मनमोहक प्रस्तुति
प्रदेश में पहली बार हुई सांकेतिक भाषा में भाषण, कविता गायन प्रतियोगिताएँ
भोपाल
आयुक्त निशक्तजन कल्याण संदीप रजक के मुख्य आतिथ्य में भोपाल के बिला बांग हाई इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों द्वारा सांकेतिक भाषा में राष्ट्रगान प्रस्तुति के साथ भाषण एवं कविता गायन प्रतियोगिताएँ हुई। मध्यप्रदेश में पहली बार होने वाले इस तरह के पहले आयोजन के लिये निशक्तजन कल्याण आयुक्त ने स्कूल और बच्चों की सराहना की। स्कूल द्वारा सौंपे गये काम के रूप में बच्चों ने ग्रीष्म कालीन अवकाश में साइन लेंग्विज न केवल सीखी बल्कि उसमें योग्यता भी हासिल की।
रजक ने कहा कि मध्यप्रदेश में पहली बार साइन लेंग्विज में भाषण और कविता गायन की प्रतियोगिता हुई है, जो अन्य लोगों और स्कूलों के लिये आदर्श बनेगी। सांकेतिक भाषा का प्रसारण होने से श्रवण बाधित दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा में शामिल होने में मदद मिलेगी। प्रतिभागियों द्वारा स्वर रहित अभिव्यक्ति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मध्यप्रदेश में पहली बार हो रहे स्वर रहित राष्ट्रगान ने भी विद्यार्थियों में जोश और उत्साह का संचार किया। रजक ने सांकेतिक भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल करने का शासन से अनुरोध करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन अन्य स्कूलों में भी किये जा सकते हैं।
प्रतीकात्मक शैली में हुए कार्यक्रम में हुई प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल में डेफ केन फाउंडेशन की सचिव श्रीमती प्रीति शाह सोनी, भाषा अनुवादक प्रदीप लूथरा और सहायक संचालक आयुक्त निशक्तजन सुनील शर्मा थे। विद्यालय के प्राचार्य आशीष अग्रवाल ने बच्चों की सशक्त भाव-भंगिमा और अभिव्यक्ति की भूरी-भूरी प्रशंसा की एवं कार्यक्रम के अंत में आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन श्रीमती तनुजा दधीचि, श्रीमती मेघा भट्ट और श्वेता जैन द्वारा किया गया।