दिग्गज दवा कंपनी के मालिक बेच रहे समूची हिस्सेदारी, 88 साल बाद बाहर!
नई दिल्ली
राजस्व के हिसाब से भारत की तीसरी सबसे बड़ी जेनेरिक कंपनी सिप्ला में प्रमोटर की हिस्सेदारी बिकने वाली है। इस हिस्सेदारी को हासिल करने के लिए दुनिया के सबसे बड़े निजी इक्विटी फंड ब्लैकस्टोन ने दिलचस्पी दिखाई है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सिप्ला में 33.47% प्रमोटर हिस्सेदारी हासिल करने के लिए ब्लैकस्टोन अगले सप्ताह की शुरुआत में एक गैर-बाध्यकारी बोली जमा करने को तैयार है। अगर यह डील पूरी हो जाती है तो करीब 88 साल बाद हामिद परिवार पूरी तरह से कंपनी से बाहर हो जाएगा।
88 साल पहले बनाई थी कंपनी: बता दें कि सिप्ला की नींव ख्वाजा अब्दुल हामिद ने साल 1935 में रखी थी। 1972 में पिता के निधन के बाद यूसुफ हामिद और उनके भाई मुस्तफा ने कारोबार को संभाला। यूसुफ हामिद ने एड्स जैसी बीमारियों के लिए कम लागत वाली जेनेरिक दवाओं की पेशकश करते हुए बड़ी दवा कंपनियों को टक्कर दी। बता दें कि यूसुफ हामिद सिप्ला के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष हैं।
ऑफर फॉर सेल का प्रपोजल: अगर ब्लैकस्टोन प्रमोटर स्टेक हासिल करती है तो ऑफर फॉर सेल के तहत कंपनी की अतिरिक्त 26% हिस्सेदारी पर भी दावा कर सकेगी। ऐसे में ब्लैकस्टोन तकनीकी रूप से सिप्ला में 59.4% की हिस्सेदारी हासिल कर सकता है।
बता दें कि सिप्ला का मौजूदा मार्केट वैल्युएशन 94,043 करोड़ रुपये है। इस कीमत पर अकेले प्रमोटर हिस्सेदारी का मूल्य 31,476 करोड़ रुपये (3.80 बिलियन डॉलर) है। यदि ऑफर फॉर सेल पूरी तरह से सब्सक्राइब हो जाती है तो ब्लैकस्टोन को 55,926 करोड़ रुपये (6.75 बिलियन डॉलर) का भुगतान करना पड़ सकता है। इस बीच, सिप्ला का शेयर गुरुवार को 1,165 रुपये पर सपाट बंद हुआ।