September 24, 2024

कानपुर की गीतिका और विनीत ने दिव्यांगों का संवारा भविष्य, प्लेटफार्म दिलवा रहा मल्टीनेशनल कंपनियों में जॉब

0

कानपुर  

दिव्यांग हुनर के धनी होते हैं। किसी में चित्रकला और पेंटिंग का गुण होता है तो किसी की सुरीली आवाज और मिमिक्री लोगों को दीवाना बना देती है। ऐसे हुनरमंद दिव्यांगों को कानपुर की गीतिका अपने साथी विनीत के साथ मिलकर न सिर्फ पहचान दिला रही हैं, बल्कि आर्थिक रूप से उन्हें मजबूत भी कर रही हैं। को-फाउंडर गीतिका ने बताया कि स्टार्टअप एटिपिकल एडवांटेज अब तक एक हजार से ज्यादा दिव्यांगों का भविष्य संवार चुका है। इसमें कई दिव्यांग मल्टीनेशनल कंपनियों में लाखों का पैकेज पा रहे हैं।  

रतनलाल नगर निवासी गीतिका मेहता ने डॉ. वीरेंद स्वरूप एजुकेशन सेंटर से पढ़ाई की। प्रयागराज स्थित एमएनआईटी से बीटेक किया और आईआईएम बेंगलुरु से एमबीए किया। गीतिका ने बताया कि एमबीए की पढ़ाई के दौरान साथी विनीत सरायवाला के साथ दिव्यांगों का भविष्य संवारने को लेकर स्टार्टअप शुरू करने की चर्चा हुई। विनीत दिव्यांग हैं। उनकी आंखों में सिर्फ 10 फीसदी रोशनी है। विनीत एटिपिकल एडवांटेज के फाउंडर और सीईओ हैं।
 
गीतिका को-फाउंडर और सीओओ हैं। गीतिका ने बताया कि यह स्टार्टअप 2021 में शुरू हुआ, जो दिव्यांगों को ऐसा प्लेटफार्म उपलब्ध करा रहा है, जहां उनके हुनर, शिक्षा और प्रतिभा को पहचान दी जा रही है। हुनरमंदों को इवेंट से पहचान मिल रही है। जो कंपनियां इन दिव्यांगों को जॉब या इवेंट का मौका देती हैं, उन्हें भी प्रशिक्षित किया जाता है। ताकि दिव्यांगों को किसी तरह की दिक्कत न हो। वर्तमान में देशभर के 15,000 दिव्यांग और 150 ब्रांडेड कंपनियां इस प्लेटफॉर्म से जुड़ी हैं।

अमेजन ने 100 तो नेस्ले ने 12 को दिया मौका
गीतिका ने बताया कि अमेजन ने 100 दिव्यांगों को एकसाथ जॉब का मौका दिया। नेस्ले ने गुजरात की अपनी कंपनी में 12 दिव्यांगों को मौका दिया है। ये सभी दिव्यांग सुन नहीं सकते हैं। ऐसे ही अन्य 150 ब्रांडेड कंपनियां भी दिव्यांगों को नौकरी या उनके हुनर के मुताबिक इवेंट मुहैया करा रही हैं।

दिव्यांगों के चित्रों को दिया वैश्विक प्लेटफार्म
गीतिका के मुताबिक, दिव्यांगों में हुनर की कमी नहीं होती है। स्टार्टअप से कई दिव्यांग जुड़े हैं, जिनके चित्र और पेंटिंग लाजवाब हैं। इसे वैश्विक बाजार उपलब्ध कराया गया है। कई पेंटिंग देश नहीं, बल्कि यूएस और यूके में भी महंगे दामों पर बिक चुकी है।

शार्क टैंक में दिखा था एटिपिकल एडवांटेज का जलवा
टीवी चैनल पर प्रसारित हो रहे शो शार्क टैंक में भी एटिपिकल एडवांटेज का जलवा रहा। फाउंडर विनीत सरायवाला ने शो में अपने स्टार्टअप और उसके लक्ष्य के बारे में जानकारी दी। इससे शो के जज एमक्योर दवा कंपनी की मालिक नमिता थापर और बोट कंपनी के को-फाउंडर अमन गुप्ता काफी प्रभावित हुए। उन्होंने स्टार्टअप को फंड भी दिया है।

दो साल से स्टार्टअप कर रहा है काम
– 150 ब्रांडेड कंपनियां जुड़ीं स्टार्टअप से
– 1000 दिव्यांगों का संवारा भविष्य
– 15,000 दिव्यांग स्टार्टअप से पंजीकृत
– 10 साल में दस लाख दिव्यांगों की सूरत बदलने का लक्ष्य

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *