मोनू मानेसर को मार डालो; कैसे पाकिस्तान से भड़काए गए नूंह के मुसलमान
गुरुग्राम
नूंह में हुई हिंसा अचानक किसी बात पर दो समुदायों के बीच होने वाला टकराव नहीं है, बल्कि सोची-समझी साजिश से इसे अंजाम दिया गया। हरियाणा सरकार ने भी बार-बार यही कहा है। हालांकि, अभी तक हिंसा के मास्टरमाइंड पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पाए हैं। गोरक्षक मोनू मानेसर, बिट्टू बजरंगी और कांग्रेस विधायक मम्मन खान जैसे लोगों के नाम अब तक उछले हैं। अब हिंसा का पाकिस्तानी कनेक्शन भी सामने आया है। अहसान मेवाती नाम का एक पाकिस्तानी यूट्यूबर मुस्लिम समाज को भड़काने में जुटाट हुआ था।
अहसान मेवाती ने यूट्यूब और दूसरे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर अपने वीडियोज के जरिए मुसलमानों से मोनू मानेसर की हत्या की अपील कर रहा था। इसके अलावा वह हिंदुओं के खिलाफ आपत्तिजनक बातें और धमकी देते सुना जा सकता है। मोनू मानेसर को लेकर उसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। गौरतलब है कि मोनू मानेसर खुद को गोरक्षक बताता है और इसी साल फरवरी में राजस्थान के भरतपुर से अगवा किए जाने के बाद मारे गए पशु व्यापारी नासिर और जुनैद के केस में उसका नाम आया था। मोनू ने ब्रजमंडल यात्रा में शामिल होने का ऐलान किया था जिसके बाद से तनाव बढ़ गया था।
31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा के बाद अहसान ने हिंसा पर खुशी जाहिर करते हुए वीडियो बनाए। अहसान मेवती ने फेसबुक पेज पर अपना लोकेशन अलवर राजस्थान बताया है। लेकिन असल में वह पाकिस्तान का रहने वाला है। फेसबुक के मुताबिक यह अकाउंट पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खरोर पक्का में बनाया गया है। यूट्यूब ने भी उसका लोकेशन पाकिस्तान बताया है। कुछ मीडिया इंटरव्यू में उसने बताया है कि उसके पूर्वज राजस्थान के रहने वाले थे और बंटवारे के वक्त पाकिस्तान चले गए थे। अहसान का भाई पाकिस्तान पुलिस में है।
नूंह हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई तो दर्जनों घायल हो गए। सैकड़ों वाहनों को फूंक दिया गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू की है। 150 से अधिक युवकों को अब तक पकड़ा गया है। पुलिस ने कहा है कि मामले की बारीकी से जांच की जा रही है और उन लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है जिन्होंने पूरी साजिश रची।