November 27, 2024

कलेक्टरों की पदस्थापना पर लगातार असर, भिंड जिले में सबसे अधिक आठ कलेक्टर पांच साल में बदले

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भोपाल

राज्य में कलेक्टरों की पदस्थापना पर लगातार असर पड़ रहा है। पिछले पांच सालों के दौरान कभी कोरोना तो कभी रेत और शराब साथ ही राजनीति का प्रभाव कअर की पदस्थाना पर पड़ा है। इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं कि अधिकारी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे या फिर पोस्टिंग करने वाले उनका आकलन करने में चूकते रहे।

प्रदेश में सरकार के आंख, नाक और कान माने जाने वाले कलेक्टरों की पदस्थापना में पिछले 5 साल में कहीं रेत और शराब तो कहीं राजनीति भारी पड़ी है। इसका असर यह रहा है कि कई जिलों में तो पांच साल में चार से आठ कलेक्टर तक बदले गए हैं। कई कलेक्टरों को तो तीन माह का ही कार्यकाल मिल पाया है। पिछले पांच साल में प्रदेश में 15 माह कांग्रेस की सरकार रही है और इसके बाद 24 मार्च 2020 से भाजपा की सरकार है। इस दौरान कोरोना महामारी का दौर भी कलेक्टरों को झेलना पड़ा है लेकिन इन सबके बीच कई जिलों में कलेक्टरों का कार्यकाल बहुत छोटा रहा है।

भिंड: सिर्फ 5 साल में बदले8 कलेक्टर
चंबल क्षेत्र के भिंड जिले में सबसे अधिक आठ कलेक्टर पांच साल में बदले हैं। यहां कलेक्टरों के कार्यकाल की पड़ताल करने से पता चलता है कि आशीष कुमार 21 मई 2018 से 22 अक्टूबर 2018, धनराजू एस 22 अक्टूबर 2018 से 22 दिसम्बर 2018, छोटे सिंह 22 दिसम्बर 2018 से 17 मार्च 2019 कलेक्टर रहे। इसके बाद डॉ विजय कुमार जे 18 मार्च 2019 से 31 मई 2019, छोटे सिंह 31 मई 2019 से 1 जून 2020, वीएस रावत 2 जून 2020 से 2 मार्च 2021, सतीश कुमार एस 2 मार्च 21 से 30 जुलाई 2023 तक कलेक्टर रहे। वर्तमान में संजीव श्रीवास्तव कलेक्टर हैं।

दिग्विजय के गृह जिले गुना में छह कलेक्टर
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के गृह जिले गुना में पांच साल में छह कलेक्टर रहे। बी विजय दत्ता 18 अप्रेल से 27 दिसम्बर 2018 तक , 27 दिसम्बर 18 से 13 मार्च 2020 तक भास्कर लक्षकार, 13 मार्च 2020 से 17 जुलाई 2020 तक एस विश्वनाथन, 17 जुलाई 2020 से 8 मई 2021 तक कुमार पुरुषोत्तम और 8 मई 21 से 31 जुलाई 23 तक फ्रेंक नोबल ए. कलेक्टर रहे। अब तरुण राठी कलेक्टर हैं।

दमोह में कई पावर सेंटर बनने से हुई मुश्किल
पिछले विधानसभा चुनाव के बाद दमोह में पदस्थ किए गए नीरज कुमार सिंह के बाद कलेक्टर लंबे समय तक टिक नहीं पा रहे। नीरज कुमार 24 दिसम्बर 2018 से 4 जून 2019 तक, उनके बाद तरुण राठी 4 जून 2019 से 8 मई 2021 तक यहां कलेक्टर रहे। राठी के नेतृत्व में ही यहां दमोह विधानसभा उपचुनाव कराया गया था। इसके बाद 8 मई 2021 से 6 अप्रेल 2023 तक एस कृष्ण चैतन्य यहां कलेक्टर रहे। दमोह जिले से बसपा से विधायक रामबाई की उनसे तबादले से एक माह पहले हुई बहस काफी चर्चा में रही थी। अब मयंक अग्रवाल अप्रैल 2023 से यहां कलेक्टर हैं।

गुजरात से सटे झाबुआ में भी उथल-पुथल
झाबुआ में भी कलेक्टर लम्बे समय तक काम नहीं कर पा रहे हैं। यहां रोहित सिंह के बाद सोमेश मिश्रा 13 अप्रेल 2021 से 20 सितम्बर 22 तक कलेक्टर रहे। इसके बाद रजनी सिंह 21 सितम्बर 22 से 4 अप्रेल 23 तक कलेक्टर रहीं और अब तन्वी हुड्डा 4 अप्रेल से कलेक्टर के रूप में कार्यरत हैं।

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