कौन जानें क्या होगा ASI सर्वे के बाद? ज्ञानवापी मामले में असदुद्दीन ओवैसी ने जताई चिंता; अयोध्या का जिक्र कर
वाराणसी
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कर रही है। इसके पहले मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सर्वे जारी रखने के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था लेकिन वहां से भी सर्वे रोकने से इनकार के बाद शनिवार को सर्वे में मुस्लिम पक्ष भी सहयोग कर रहा है। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक ट्वीट के जरिए ज्ञानवापी पर अपनी चिंता जाहिर की है।
इस ट्वीट में असदुद्दीन ने लिखा, 'एक बार जब ज्ञानवापी एएसआई रिपोर्ट सार्वजनिक हो जाएगी, तो कौन जानता है कि चीजें कैसे आगे बढ़ेंगी? आशा है कि न तो 23 दिसंबर और न ही 6 दिसंबर की पुनरावृत्ति होगी। पूजा स्थल अधिनियम की पवित्रता के संबंध में अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए। आशा यह है कि एक हजार बाबरियों के लिए द्वार नहीं खोले जायेंगे।'
बता दें कि एएसआई टीम आज दूसरे दिन सर्वे के लिए सुबह साढ़े आठ बजे के करीब ज्ञानवापी पहुंची। टीम कल जुमे की नमाज की वजह से सिर्फ पांच घंटे सर्वे कर सकी थी। मुस्लिम पक्ष के लोग भी इसी दौरान मौके पर पहुंच गए। तहखाने की चाबी देने के सवाल पर मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने कहा कि हम लोग पूरा सहयोग कर रहे हैं। जहां जहां खोलने को बोला जा रहा है, हम खोल रहे हैं। उधर, हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी लोग सर्वे में सहयोग करें। इसे जल्द से जल्द पूरा कराएं।
उन्होंने कहा कि हम पूरा सहयोग और भागीदारी दिखा रहे हैं। वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद आए हैं। हम इसका स्वागत करते हैं। हमारी कोशिश मामले को सुलझाने की है। सर्वे से जल्द ही सारी बातें स्पष्ट हो जाएंगी। शनिवार को एएसआई द्वारा किए जा रहे सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी में हिंदू पक्ष से सात और मुस्लिम पक्ष से नौ लोग मौजूद हैं।