September 25, 2024

राहुल गांधी को सुप्रीम राहत के बाद भाजपा-कांग्रेस दोनों बना रहे रणनीति, क्या है न्यू प्लान अमेठी

0

नई दिल्ली

'मोदी सरनेम' मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने के बाद नजरें कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद में वापसी पर हैं। हालांकि, अब तक तय नहीं हो सका है वह दोबारा सदन में कब तक नजर आएंगे। इसी बीच राजनीतिक गलियारों में उनकी दोबारा सक्रियता को लेकर चर्चाएं हैं और इसका केंद्र उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली सीटें हैं। ये सीटें कांग्रेस का गढ़ कही जाती थीं, लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में यहां भारतीय जनता पार्टी सेंध लगाने में कामयाब हो गई थी।

कहा जा रहा है कि आपराधिक मानहानि मामले में राहुल की सजा पर रोक लगने के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अमेठी-रायबरेली सीटों पर अपनी रणनीति का दोबारा आकलन करने में जुट गए हैं। खबरें हैं कि संसद के मॉनसून सत्र के बाद कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राहुल से मुलाकात करने जा सकता है। कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने बताया, 'इस प्रतिनिधिमंडल में अमेठी के लोग भी शामिल होंगे, जो उनसे यहां से चुनाव लड़ने की अपील करेंगे, ताकि लोग 2019 की गलती को सुधार सकें।'

सक्रिय है भाजपा
2019 लोकसभा चुनाव राहुल ने अमेठी के अलावा केरल की वायनाड सीट से भी लड़ा था। कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली अमेठी में राहुल को भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरीं स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, 2024 से पहले भी वह क्षेत्र में खासी सक्रिय नजर आ रही हैं। जून से अगस्त के बीच वह क्षेत्र में 50 दिनों से ज्यादा समय तक रहीं। इसके अलावा 508 रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास अभियान की शुरुआत के दौरान भी वह अमेठी में भी रहीं। खास बात है कि इनमें से 55 स्टेशन उत्तर प्रदेश में ही हैं, जिनमें अमेठी और रायबरेली शामिल है।

1967 से कांग्रेस का गढ़
अगर 1970 और 1990 के दशक के कुछ सालों को छोड़ दिया जाए, तो अमेठी में 1967 से ही कांग्रेस जीत दर्ज करती आई है। साल 2004 में यहां से राहुल की एंट्री हुई, लेकिन उनकी पारी पर 2019 में मिली हार से विराम लगा। तब स्मृति ईरानी ने कांग्रेस को करीब 35 हजार मतों के अंतर से हरा दिया था। हालांकि, 2014 में उन्हें भी कांग्रेस के हाथों बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा था।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *