प्रदेश में सत्ता की चाबी माने जाने वाली आदिवासी सीटों पर कांग्रेस का फोकस, झाबुआ में जुटे कांग्रेसी दिग्गज
भोपाल
प्रदेश में सत्ता की चाबी माने जाने वाली आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर जीत को लेकर पीसीसी चीफ कमलनाथ सहित सभी बड़े नेता झाबुआ में जुटे। कांग्रेस ने आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार का आरोप लगाते हुए आदिवासी स्वाभिमान यात्रा शुरू की थी। इस यात्रा का आज समापन है, जिसे आदिवासी सम्मेलन का नाम दिया गया है।
इसमें कमलनाथ सहित कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी, अजय सिंह, बाला बच्चन, ओमकार सिंह मरकाम, सज्जन सिंह वर्मा शामिल हुए। इस सम्मेलन में दिग्विजय सिंह को भी शामिल होना था, लेकिन राज्यसभा चलने के कारण उनका आने का कार्यक्रम अचानक निरस्त हो गया। आदिवासी सम्मेलन में पीसीसी चीफ नाथ ने कहा कि आदिवासियों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं किये जाएंगे। इस सरकार में आदिवासी ही नहीं सभी वर्ग परेशान हैं। महिला अपराधों में प्रदेश नंबर एक पर है। आदिवासियों के साथ भी लगातार घटनाएं होती आ रही है। इसके बाद भी सरकार आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस एक्शन नहीं लेती है।
कांग्रेस इन पर काबिज
इन 47 सीटों में से 27 सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। पुष्पराजगढ़, बडवारा, डिंडौरी, बिछिया, निवास,बैहर, बरघाट, लखनादौन, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, पांढुर्णा, घोड़ाडोंगरी, भैंसदेही, भीकनगांव, सेंधवा, राजपुर, पानसेमल, अलीराजपुर,झाबुआ, थांदला, पेटलावद, सरदारपुर, गंधवानी, कुक्षी, मनावर, धरमपुरी, सैलाना पर कांग्रेस काबिज हैं।
सीधी से शुरू हुई थी यात्रा
सीधी में आदिवासी पर पेशाब करने के मामले के बाद कांग्रेस ने आदिवासी स्वाभिमान यात्रा निकालने का निर्णय लिया था। यह यात्रा 19 जुलाई से सीधी से ही शुरू हुई थी। जो झाबुआ तक पहुंची। इस दौरान शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, आलीराजपुर और झाबुआ जिलों की आदिवासी बहुल 36 विधानसभा क्षेत्रों से यह यात्रा गुजरी।