75 साल में आर्थिक मोर्चे पर कहां खड़ा है हिन्दुस्तान, देखें प्रति व्यक्ति आय से लेकर विदेशी मुद्रा भंडार तक के आंकड़े
नई दिल्ली
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आई विश्वव्यापी मंदी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था न केवल मजबूती से अपने पैरों पर खड़ी है, बल्कि विकास के रास्ते पर तेजी से बढ़ रही है। यह भविष्य के प्रति एक उम्मीद की किरण है। हम अपनी आजादी का 75वां वर्ष अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं। देश की विकास यात्रा में इस बार पेश है अर्थव्यवस्था का हाल…
बढ़ती प्रति व्यक्ति आय
(शुद्ध राष्ट्रीय आय स्थिर कीमतों पर )
वित्त वर्ष आय
2021-22 91481 रुपए
2020-21 85110 रुपए
2019-20 94270 रुपए
● 1950-51 में स्थिर कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय 11570 रुपए थी।
● 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी प्रति व्यक्ति आय, शुद्ध राष्ट्रीय आय के आधार पर, वित्त वर्ष 2021-22 में
● 1.5 लाख के करीब रुपए हो गई है, मौजूदा कीमतों के आधार पर प्रति व्यक्ति आय 18.3 प्रतिशत की दर से बढ़कर ।
खाद्यान्न उत्पादन
● 1950 में भारत का कुल खाद्यान्न उत्पादन 5.49 करोड़ टन
● 2020-21 में 30.5 करोड़ टन
सकल घरेलू उत्पाद
● 1947 में सकल घरेलू उत्पाद था 2.7 लाख करोड़ रुपए
● 2022 में 150 लाख करोड़ रुपए
रुपए की कीमत
● 1949 में एक डॉलर 4.75 रुपए के बराबर
● 2022 में करीब 80 रुपए तक पहुंच चुका है
जनसंख्या
● 1947 देश की करीब 70 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी के नीचे थी
● 2011 में 22.5 प्रतिशत
● 21 में वैश्विक गणना के मुताबिक 6 प्रतिशत रह गई
विदेशी मुद्रा भंडार
● 1950-51 विदेशी मुद्रा भंडार 1029 करोड़ रुपए
● 2022 जुलाई तक ये 573.9 अरब डॉलर का हो चुका है
आयात-निर्यात
● 1950-51 आयात 1.27 अरब डॉलर और निर्यात 1.26 अरब डॉलर
● 2021-22 आयात 756 अरब डॉलर, निर्यात 670 अरब डॉलर