कांग्रेस नेता ने ही ‘पीट दी ताली’, 2024 के सेमीफाइनल में AAP को मिला हार का गम
नई दिल्ली
दिल्ली में सेवा से जुड़े विधेयक को लोकसभा के बाद सोमवार को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई। 26 दलों के विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' बनाम एनडीए के बीच हुई इस लड़ाई में सबसे बड़ा झटका आम आदमी पार्टी (आप) को लगा है, जिसकी दिल्ली में सरकार है। 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इसे 2024 का सेमीफाइनल बताया था जिसमें विपक्ष 102- के मुकाबले 131 वोट से हार गया। इस लड़ाई में केजरीवाल को कांग्रेस समेत कई दलों का साथ मिला। हालांकि, कांग्रेस में अब भी केजरीवाल के नाम पर सर्वसम्मति नहीं बन पाई है। दिल्ली कांग्रेस के कुछ बड़े नेता अब भी उन्हें निशाने पर ले रहे हैं।
पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने विधेयक के राज्यसभा से पास हो जाने के बाद एक बार फिर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लिया और तंज भी कसा। बिल पास होने के तुरंत बाद संदीप दीक्षित ने वीडियो जारी करके मोदी सरकार के कदम को सही बताया। उन्होंने केजरीवाल को बिना लड़ाई-झगड़े के काम करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि इसी की वजह से सरकार को यह बिल लाना पड़ा।
संदीप ने कहा, 'दिल्ली में जो बिल राज्यसभा में आया, अभी खबर मिली की पास हो गया है। मैं केवल इतना कहना चाहूंगा कि जो संघीय ढांचा सोचा गया था, जिसमें दिल्ली को कभी पूर्ण राज्य का दर्जा ना देने की बात कही गई थी। जिसमें भारत सरकार और दिल्ली सरकार को मिलकर कई आयामों में साथ करने की बात कही गई थी। इस बंटवारे में सेवा और आला अधिकारियों पर जितना दिल्ली सरकार का कंट्रोल रहना चाहिए उतना भारत सरकार का भी होना था। यह सिस्टम दिल्ली में कई सालों से ठीक से चल रहा था।'
संदीप दीक्षित ने कहा कि केजरीवाल ने जिस तरह से केंद्र सरकार के साथ टकराव किया उसकी वजह से यह बिल लाना पड़ा। उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्य से जब से केजरीवाल आया है उसने केवल राजनीति देखकर जिस बदतमीजी से जिस गैर संवैधानिक व्यवहार से दिल्ली को चलाने की कोशिश की। भारत सरकार से बार बार झगड़ा करके राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की। इसी कारण से यह बिल भी आया, अन्यथा ऐसी किसी चीज की आवश्यकता नहीं थी।'
कांग्रेस नेता ने केजरीवाल को भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने की नसीहत देते हुए उन्होंने कहा, 'मैं नहीं कहूंगा कि मुझे कुछ संतोष है या कोई वो है कि बिल पास हुआ या नहीं। लेकिन मुझे लगता है कि जिस स्थिति में लोगों ने समझा था कि दिल्ली में भारत सरकार और दिल्ली सरकार की ओर से साझा तरीके से चलाया जाएगा इस बिल के पास होने से शायद वह स्थिति बनती है। मैं आशा करता हूं कि फिर से रोने धोने और उलटी सीधी बातें करने के अलावा कोशिश करेगा केजरीवाल कि जो 9 साल में काम नहीं किया वह बचे हुए एक-डेढ़ साल में दिल्ली के लिए कुछ काम कर पाएगा।'