आरपीएफ जवान के खिलाफ धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देने का केस दर्ज
मुंबई
चलती ट्रेन में अपने एक वरिष्ठ अधिकारी एवं तीन यात्रियों पर गोलीबारी कर उनकी जान लेने वाले आरपीएफ जवान चेतन सिंह की पुलिस रिमांड 11 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। जीआरपी ने आरोपित आरपीएफ कांस्टेबल के खिलाफ एफआइआर में आइपीसी की धारा 153ए जोड़ी है। ये धारा जन्म स्थान, निवास, भाषा, धर्म, नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित है। एफआइआर में आइपीसी की धारा 302 (हत्या), आर्म्स एक्ट 3, 25, 27 और रेलवे एक्ट जोड़ा गया है। पुलिस ने सोमवार को आरोपित की रिमांड के दौरान कोर्ट को यह जानकारी दी।
ये है मामला
चेतन सिंह ने 31 जुलाई की सुबह जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन के बी-5 कोच में पहले अपने वरिष्ठ एएसआइ टीकाराम मीणा एवं एक यात्री पर गोली चलाई। उसके बाद कई डिब्बे पार कर पैंट्री कार में पहुंचा और वहां एक व्यक्ति की हत्या की। फिर एस-6 कोच में भी एक व्यक्ति की जान ली। ट्रेन में हुई इस घटना के कुछ देर बाद ही चेतन सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था। तब अदालत ने उसे सात अगस्त तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया था।
पहले मिली रिमांड समाप्त होने के बाद आज पुन: उसे बोरीवली कोर्ट में पेश किया गया, जहां जीआरपी ने कहा कि गवाहों की पहचान करने एवं सीसीटीवी फुटेज को स्कैन करने के लिए चेतन सिंह को अपनी हिरासत में रखने की जरूरत है। इस घटना के बाद आरोपित कांस्टेबल चेतन सिंह का वीडियो प्रसारित हुआ था।
जांच के लिए लैब भेजा गया वीडियो
इसमें वह पाकिस्तान और मुसलमानों पर टिप्पणी कर रहा था। वीडियो को जांच के लिए लैब भेजा गया है, ताकि पता लगाया जा सके कि वायरल वीडियो के साथ छेड़छाड़ तो नहीं की गई। रेलवे बोर्ड ने घटना की अलग से जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है।