हर व्यक्ति की आंतरिक अनुभूति होती है, मेरी आस्था आंतरिक : कमलनाथ
भोपाल
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उस बयान पर आज पलटवार किया है, जिसमें शिवराज सिंह चौहान ने नाथ को चुनावी भक्त बताया था। नाथ ने कहा कि जीवन में जो इंसान जैसा होता है, वौ वैसी ही दृष्टि से बाहरी दुनिया को देख पाता है। निश्चित ही आप चुनावी भक्त होंगे, इसलिए आप दूसरों में भी चुनावी भक्ति खोज रहे हैं, जीवन के हर पहलू को चुनाव के रंग से ही देख पा रहे हैं।
नाथ ने कहा कि आस्था और विश्वास, व्यक्ति की आंतरिक अनुभूति होती है, स्थाई होती है। मेरी आस्था आंतरिक है। मेरी हनुमान भक्ति पर विचार करने के स्थान पर आप मध्य प्रदेश की जन भक्ति पर विचार कीजिए, जो आपका संवैधानिक उत्तरदायित्व है और जन उपयोगी है। प्रदेश की जनता को जन भक्त सरकार चाहिए, भाजपा की घोटाला भक्त, घोषणा भक्त, भ्रष्टाचार भक्त, अत्याचार भक्त और नौटंकी भक्त सरकार नहीं चाहिए।
वन पर दिया प्रवचन लेकिन आदिवासी संदर्भ क्यों नहीं
नाथ ने अपने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार को वन और वन संरक्षण की याद आने में 18 साल लग गए। यह ट्वीट नाथ ने मंगलवार को भोपाल में वन विभाग के नए भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में सीएम और वन मंत्री के भाषण पर टिप्पणी करते हुए बुधवार को किया। नाथ ने कहा कि इसमें अपने प्रवचन रूपी भाषण में वन पर जो व्याख्यान दिया है, उसमें मानवीय पक्ष अर्थात आदिवासी संदर्भ शून्य सा था। जबकि वनों ाक प्राकृतिक संरक्षण आदिवासी जिल तरह से कर सकते हैं उस तरह कोई सरकारी विभाग या सीएसआर के छद्म रूप में कोई कॉरपोरेट कराना नहीं कर सकता है। भाजपा वनों पर भी राजनीतिकरण कर रही है।
छिंदवाड़ा में रामकथा के बाद अब होगी शिवपुराण
भोपाल। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा हाल ही में कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में की गई रामकथा के बाद अब सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा अगले महीने कमलनाथ के ही आमंत्रण पर छिंदवाड़ा में प्रभु कथा करने के लिए आ रहे हैं। यहां पर वे पांच दिवसीय कथा करेंगे। जानकारी के अनुसार श्री सिद्धेश्वर हनुमान जी सिमरिया धाम प्रांगण में यह कथा आयोजित होगी। इसके लिए कमलनाथ और यहां के सासंद नकुलनाथ ने प्रदीप मिश्रा को आमंत्रण दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। वे यहां पर पांच से 9 सितम्बर तक कथा करेंगे।