जन-जन की यही पुकार समरसता यात्रा आपके द्वार
समरसता यात्रा में भोपाल, नर्मदापुरम एवं बैतूल, अशोकनगर, कटनी और टीकमगढ़ उमड़ा जन-सैलाब
भोपाल
संत रविदास के संदेश और जीवन मूल्यों के प्रति समाज में जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रदेश के विभिन्न स्थानों से निकाली जा रही समरसता यात्राएँ 12 अगस्त को सागर पहुँचेंगी, जहाँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संत रविदास मंदिर निर्माण का शिलान्यास करेंगे। यात्राओं ने 16वें दिन 9 अगस्त को भोपाल, नर्मदापुरम, अशोकनगर, जबलपुर और छतरपुर जिले में सद्भावना का संदेश दिया।
संत रविदास समरसता यात्राओं में प्रतिदिन जनसैलाब उमड़ रहा है। संत रविदास समरसता यात्रा रथ जहाँ-जहाँ से गुजर रहा है, वहाँ के लोग स्मारक निर्माण के लिये अपने क्षेत्र की मिट्टी तथा नदियों का जल देकर धन्य हो रहे हैं। सभी जगह विभिन्न समाज के लोगों द्वारा हर्षोल्लास के साथ समरसता यात्रा का भव्य स्वागत किया जा रहा है।
समरसता यात्रा के 16वें दिन भोपाल में हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा और बैरसिया विधायक विष्णु खत्री, नर्मदापुरम में विधायक सिवनी मालवा प्रेमशंकर वर्मा और नर्मदापुरम् डॉ. सीतासरन शर्मा और बैतूल में सारनी विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे, अशोकनगर म.प्र. बाँस एवं बाँस शिल्प बोर्ड के अध्यक्ष घनश्याम पिरौनिया, कटनी जन-प्रतिनिध एवं श्रद्धालुओं ने, टीकमगढ़ में खरगापुर विधायक राहुल सिंह ने समरसता यात्रा का स्वागत किया।
भोपाल
रूट क्रमांक 1 की संत रविदास यात्रा 25 जुलाई को नीमच से प्रारंभ होकर 9 अगस्त को बुधवार को भोपाल पहुंची। यात्रा ने दोपहर समरधा के रास्ते भोपाल में प्रवेश किया। यात्रा में विधायक रामेश्वर शर्मा ने ढोल-ताशे, कलश यात्रा और पुष्पवर्षा के साथ भव्य स्वागत किया। यह यात्रा राधापुरम से प्रारंभ होकर इंडस,नंदी चौराहा, बरई, खजूरी, पीपलिया जाहिरपीर, सूखीसेवनीया, इमलिया, देवलखेड़ी, अरवलीया, ईंटखेड़ी सड़क, गोलखेड़ी,रतुआ, हर्राखेड़ी,सेमरी ,सोनकच्छ होते हुए बैरसिया पहुँची बैरसिया विधायक विष्णु खत्री ने संत रविदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान यात्रा दल का नेतृत्व वरुण आचार्य द्वारा किया जा रहा है यात्रा दल में बालकृष्ण व्यास सहित बड़ी संख्या में आमजन मौजूद थे।
नर्मदापुरम् एवं बैतूल
रूट क्रमांक 2 की संत रविदास यात्रा ने 25 जुलाई को धार जिले के माण्डव से प्रारंभ होकर 9 समरसता यात्रा को नर्मदापुरम से बैतूल जिले पहुँची।
प्रदेश सरकार संत शिरोमणी रविदास जी महाराज के भव्य मंदिर का निर्माण सागर जिले में लगभग 102 करोड़ रूपए की लागत से करने जा रही है। मंदिर के निर्माण और समरसता का संदेश जन जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा निकली जा रही संत शिरोमणि रविदास “समरसता यात्रा” बुधवार को जिले के केसला , पथरोटा , इटारसी से होते हुए नर्मदापुरम पहुँची। केसला में विधायक सिवनीमालवा प्रेम शंकर वर्मा सहित अन्य जन-प्रतिनिधियों एवं बड़ी संख्या नागरिकों ने यात्रा का स्वागत किया। इसके पश्चात यात्रा पथरोटा होते हुए इटारसी पहुंची जहां विधायक नर्मदापुरम डॉ सीतासरन शर्मा तथा शहरवासियों ने यात्रा का स्वागत कर चरण पादुका एवं कलश का पूजन किया।
बैतूल जिले में प्रवेश पर गवासेन, चिचोली, जीन दनोरा, खेड़ी सांवलीगढ़, भडूस एवं बैतूल नगर के कारगिल चौक पर यात्रा का पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। जगह-जगह ढोल-बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गई। ग्राम जीन दनोरा में संत शिरोमणि रविदास जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया एवं पादुका पूजन किया गया। टिकारी स्थित संत शिरोमणि रविदास जी गुरू घर पर भी पूजन-अर्चन कर पादुका पूजन किया गया।
ग्राम खेड़ी सांवलीगढ़ एवं बैतूल के टिकारी स्थित संत शिरोमणि रविदास जी गुरू घर परिसर में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में संबोधित करते हुए अनुसूचित जाति एवं वित्त विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर ने कहा कि सागर में संत शिरोमणि रविदास जी मंदिर एवं कला संग्रहालय के निर्माण के लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों से समरसता यात्राएं रवाना हुई है। जिससे प्रत्येक परिवार लाभान्वित हो रहा है। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी राष्ट्र की धरोहर है। उन्होंने हिन्दू परंपरा को आगे बढ़ाया है। यात्रा का उद्देश्य सभी में समरसता की भावना पैदा करना है।
कार्यक्रम में लोक गायक दयाराम सारोलिया एवं अन्य साथियों द्वारा संत शिरोमणि रविदास जी के भजनों पर आधारित सुंदर प्रस्तुतियां दी गई।
अशोकनगर
रूट क्रमांक 3 की संत रविदास समरसता यात्रा ने 25 जुलाई को श्योपुर जिले से प्रारंभ होकर 9 अगस्त को वुधवार को अशोकनगर जिले में प्रवेश पहुँची। समरसता यात्रा के अशोकनगर जिला मुख्यालय आगमन पर स्थानीय जन-प्रतिनिधियों सहित नगरवासियों के साथ चरण पादुका पूजन और पुष्पवर्षा कर समरसता यात्रा का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया। साथ ही समरसता यात्रा के पहुंचने पर बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने संत रविदास जी के जयकारे लगाये। यात्रा के दौरान रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण व पूजन-अर्चन कर पवित्र मिट्टी और जल भी रथ यात्रा में संग्रहित किया गया।
अशोकनगर के गांधी पार्क में जनसंवाद कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को यात्रा के उद्देश्य एवं सामाजिक समरसता के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। जनसंवाद कार्यक्रम में यात्रा प्रभारी अध्यक्ष म.प्र. बांस एवं बांस शिल्प विकास बोर्ड (केबिनेट मंत्री दर्जा) म.प्र. शासन के घनश्याम पिरौनिया ने कहा कि संत रविदास जी ने ईश्वर भक्ति के संदेशों को आत्मसात कर समाज हित में जीवन अर्पण किया। संत रविदास के संदेश पूरे देश में सामाजिक समरसता के लिये प्रेरणा दायक है। संत रविदास जी के विचारों ने सर्वसमाज को सामाजिक समरसता और भाईचारे का संदेश दिया है।
कटनी
बालाघाट से 25 जुलाई को प्रारंभ हुई रूट क्रमांक 4 की समरसता यात्रा ने 9 अगस्त को जबलपुर जिले से बुधवार को कटनी जिले के ग्राम धनवाही में प्रवेश किया। समरसता यात्रा का पुष्प वर्षा एवं कलश यात्रा के साथ भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद समरसता यात्रा पचपेढी पहुची। इसके बाद समरसता यात्रा जन संवाद कार्यक्रम के लिये ग्राम पानउमरिया के लिए प्रस्थान की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीणजन,जिला एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों सहित श्रद्धालुजन उपस्थित थे।
टीकमगढ़
सिंगरौली से 26 जुलाई को प्रारंभ हुई रूट क्रमांक 5 की समरसता यात्रा के दूसरे दिन 9 अगस्त को टीकमगढ़ जिले की बल्देवगढ़ तहसील में सद्भावना का संदेश दिया। नगर परिषद बल्देवगढ़ में खरगापुर विधायक राहुल सिंह ने सिर पर चरण पादुका रखकर समरसता यात्रा में भागीदारी की। जन-प्रतिनिधि एवं नागरिकों ने सहभागिता की।
समरसता यात्रा ग्राम पंचायत गुखरई, बुड़ेरा होते हुये तहसील बड़ागांव धसान पहुंची, जहां टीकमगढ़ विधायक राकेष गिरि गोस्वामी, जन-प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में उपस्थित स्थानीयजनों ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान अतिथियों ने संत शिरोमणि रविदास जी के विचारों पर प्रकाश डाला। इसके बाद समरसता यात्रा घुवारा होते हुये सागर जिले के लिये रवाना हुई।
10 अगस्त की समरसता यात्रा का रूट
नीमच से प्रारंभ प्रथम रूट की समरसता यात्रा 17वें दिन 10 अगस्त को भोपाल और विदिशा,द्वितीय रूट की धार से प्रारंभ यात्रा नर्मदापुरम्, तृतीय रूट की श्योपुर से प्रारंभ यात्रा अशोकनगर, चतुर्थ रूट की बालाघाट से प्रारंभ यात्रा जबलपुर और कटनी एवं पाँचवें रूट की सिंगरौली से प्रारंभ यात्रा टीकमगढ़ में संत रविदास के संदेशों को जन-जन तक पहुँचायेगी।