अब देश में ही बनेंगे हल्के-फुल्के वैगन एवं कोच, माल भी ज़्यदा ढुलेगा, उम्र भी होगी ज्यादा
मुंबई
रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) ने ज्यादा से ज्यादा सामनों की ढुलाई के लिए मिशन 3000 MT की शुरुआत की है। इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए, इसके लिए दुनिया की सबसे बड़ी अल्यूमीनियम रोलिंग एवं रीसाइक्लिंग कंपनी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Hindalco Industries) सामने आई है। इसने स्पेशलाइज्ड इंजीनियरिंग कंपनी टेक्समैको रेल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (Texmaco Rail) से हाथ मिलाया है। दोनों मिल कर भारत में ही वर्ल्ड लेवल का अल्यूमीनियम रेल वैगन और कोच डेवलप और मैन्यूफैक्चर करेंगे। इसके लिए दोनों कंपनियों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
रेलवे ने तय किया है महत्वाकांक्षी लक्ष्य
भारतीय रेल ने माल ढुलाई की क्षमता को दोगुना कर साल 2027 तक 3000 मिलियन टन का लक्ष्य पाना चाहती है। इसके लिए "मिशन 3000 एमटी" की शुरुआत की गई है। इसे रॉलिंग स्टॉक के ऑगमेंटेशन के जरिए प्राप्त किया जाएगा। इसी के जरिये रेलवे ने माल ढुलाई में 45 फीसदी बाजार हिस्सेदारी हासिल करने की योजना बनाई है। इसी महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए सक्रियता से वैगन डिजाइन में सुधार करने की कोशिश कर रहा है। तभी तो इस समय रेलवे वैगन मैन्यूफैक्चरर्स से ऐसे माल डिब्बों की डिजाइन मंगा रहा है जिसकी उम्र ज्यादा हो, हल्के हो और ज्यादा माल ढोए।
अवसर का लाभ उठाने के लिए हाथ मिलाया
रेलवे में हो रहे इन्हीं बदलावों को देखते हुए हिंडाल्को और टेक्समैको ने अवसरों का फायदा उठाने के लिए हाथ मिलाया है। इस करार के तहत हिंडाल्को फैब्रिकेशन और वेल्डिंग की विशेषज्ञता के साथ-साथ अपने यूनिक अल्यूमीनियम मिश्र धातुओं की प्रोफाइल, शीट और प्लेटें मुहैया कराएगी। उल्लेखनीय है कि हिंडाल्को ने पिछले साल ही अपना इन-हाउस एल्यूमीनियम फ्रेट रेक लॉन्च किया था। यह परंपरागत मालगाड़ी के मुकाबले 180 टन हल्का है। इसमें पहले के मालगाड़ी के मुकाबले 19 फीसदी ज्यादा माल ढुलाई हो सकती है। लोहे की मालगाड़ी के मुकाबले इसमें वीयर एंड टीयर भी कम है और इसे खींचने में कम ऊर्जा की खपत होती है।
मालगाड़ी बनाने का 80 साल काअनुभव
इस समय हिंडाल्को जहां अल्यूमिनियम क्षेत्र की दिग्गज कंपनी है, वहीं टैक्समेको के पास मालगाड़ी बनाने का 80 सालों का अनुभव है। इस समझौते के तहत मालगाड़ी बनाने की तकनीकी विशेषज्ञता वही कंपनी मुहैया कराएगी। इसके साथ ही डिजाइन, फैक्ट्री तथा प्रोडक्शन लाइन लगाने और कुशल श्रमिक प्रदान करने की भी जिम्मेदार उसी की होगी।