सरकार अब MBBS के बाद दो साल सेवा गांव में अनिवार्यता पर सख्त नहीं!
भोपाल
मुख्यमंत्री मेधावी योजना का लाभ लेकर प्रदेश के शासकीय स्वशासी चिकित्सा तथा दंत चिकित्सा महाविद्यालय से चिकित्सा स्नातक एमबीबीएस करने वाले विद्यार्थियों से सरकार दस लाख रुपए का बॉंड भरवाएगी। इसमें उन्हें पाठ्यक्रम पूरा करने पर दो साल तक सरकार द्वारा तय स्थान पर काम करना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने वालों से दस लाख रुपए तक वसूले जाएंगे। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इसमें गांव जाने की अनिवार्यता का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया है यानि सरकार चाहे तो उन्हें गांव भेजे या फिर शहर में ही उनसे नौकरी करवा सकेगी।
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इसके लिए मध्यप्रदेश शासकीय स्वशासी चिकित्सा तथा दंत चिकित्सा स्नातक प्रवेश नियमों में संशोधन कर दिया है। अब प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों में स्नातक एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को पांच सौ रुपए के नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पर नोटरी से सत्यापित कराते हुए एक बंध पत्र भरकर देना होगा। इसमें उसे यह वचन देना होगा कि एमबीबीएस पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद शासन द्वारा निर्दिष्ट स्थानों पर विहित की गई अवधि तक वे अनिवार्य रुप से चिकित्सा सेवा प्रदान करेंगे।
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना से लाभान्वित अभ्यर्थी को दो वर्ष की शासकीय सेवा निर्दिष्ट स्थान पर न करने की स्थिति में शासन को अनारक्षित वर्ग को दस लाख रुपए , अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी को पांच लाख रुपए के भुगतान करने का वचन देना होगा। एमबीबीएस करने वाले विद्यार्थियों के मूल दस्तावेज प्रवेशित संस्था में जमा रहेंगे और शासन के निर्देश के अनुसार ही वे उन्हें वापस किए जाएंगे।