लैब टेस्टिंग की एक्यूरेसी में कसावट की तैयारी, उपकरणों ,कैलिब्रेशन की रिपोर्ट तलब
भोपाल
प्रदेश में सरकार द्वारा कराए जाने वाले निर्माण कार्यों और अन्य जांच के लिए लैब में होने वाली टेस्टिंग की एक्यूरेसी में कसावट की तैयारी है। इसके लिए मध्यप्रदेश कार्य गुणवत्ता परिषद ने प्रदेश के विभिन्न विभागों द्वारा लेबोरेटरी में की जाने वाली जांच में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों, उसके कैलिब्रेशन और अन्य सूक्ष्म बिन्दुओं की रिपोर्ट तलब की है। परिषद ने सभी विभागों के इंजीनियरों को इसको लेकर पत्र लिखा है पर दो माह पहले मांगी गई जानकारी विभागों ने अब तक नहीं दी है। अब इन सबसे 15 दिन में फिर प्रयोगशालाओं की जानकारी के साथ कैलिब्रेशन की रिपोर्ट और कैलिब्रेशन की जांच करने वाली एजेंसी के बारे में मांगी गई है।
सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन काम करने वाले मध्यप्रदेश कार्य गुणवत्ता परिषद ने लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, पीएचई विभाग, हाउसिंग बोर्ड, भोपाल विकास प्राधिकरण, परियोजना क्रियान्वयन इकाई लोक निर्माण विभाग, एमपीआरआरडीए, अर्बन डेवलपमेंट कंपनी, नगरीय विकास और आवास विभाग, पुलिस हाउसिंग कापोर्रेशन, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभागों के प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता, परियोजना संचालक, प्रबंध संचालक, आयुक्त को इस संबंध में पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि विभाग की प्रयोगशाला, कंसल्टेड प्रयोगशाला, ठेकेदार की प्रयोगशाला, एनएबीएल प्रयोगशाला, निजी प्रयोगशाला की जानकारी देने के साथ यहां होने वाली सभी जांच की डिटेल भेजें। साथ ही यह भी बताएं कि कौन से उपकरण उपयोग में लाए जाते हैं। इसका कैलिब्रेशन कब और किस एजेंसी द्वारा किया गया है। परिषद का कहना है कि क्वालिटी को लेकर आ रहीं शिकायतों के मामले में कसावट के लिए परिषद ने इस तरह के निर्णय लिए हैं ताकि जांच के दौरान होने वाली गड़बड़ियों को रोका जा सके और सही रिपोर्ट सामने आ सके।
लैब में क्या है कैलिब्रेशन का रोल
कैलिब्रेशन इंस्ट्रूमेंट की एक्यूरेसी बनाए रखने के लिए उपयोग की जाने वाली प्राथमिक प्रक्रियाओं में से एक है। किसी इंस्ट्रूमेंट को किसी माप के रिजल्ट एक्सेटेबल रेंज के अंदर प्रदान करने के लिए कॉन्फिगर करना कैलिब्रेशन कहलाता है। इसमें गलत मेजरमेंट का कारण बनने वाले कारकों को खत्म करना या कम करना इंस्ट्रूमेंटेशन डिजाइन का एक मूलभूत पहलू होता है। ऐसा भी कह सकते हैं कि कैलिब्रेशन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा इंस्ट्रूमेंट को ऐसे मेजरमेंट और रीडिंग के लिए तैयार किया जाता है जो अन्यथा होने वाले मेजरमेंट और रीडिंग की तुलना में अधिक सटीक होते हैं।