November 30, 2024

एम.पी. ट्रांसको का ट्रांसफार्मर रिटायर, लगातार 57 वर्ष तक मध्यप्रदेश की धड़कन बना रहा

0

जापान के विशेषज्ञ ने भी सराहा था ट्रांसकों के मेंटीनेन्स को

भोपाल

एम.पी. ट्रांसको को इटारसी के 220 के.व्ही. सबस्टेशन का ट्रांसफार्मर 57 वर्षों तक मध्य प्रदेश की लगातार धड़कन बना रहा। इस ट्रांसफार्मर को ऊर्जा विशेषज्ञ इटारसी, भोपाल, बीना, ग्वालियर, हरदा, पिपरिया क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानते थे। राजधानी भोपाल क्षेत्र और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों के साथ इटारसी के सुरक्षा संस्थानों, रेल्वे, सामाजिक, आर्थिक, व्यावसायिक, शैक्षणिक विकास में इस ट्रांसफार्मर की अद्वितीय भूमिका रही। एम.पी. ट्रांसको ने इस ट्रांसफार्मर को अच्छी स्थिति में रिटायर करते समय गहरे मन से विदाई दी।

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल द्वारा 1966 में स्थापित ट्रांसफार्मर की उत्कृष्ट प्रिवेंटिव मेंटिनेस और सतत् निगरानी के कारण 57 वर्ष तक लगातार सर्विस लेकर एक रिकॉर्ड बनाया गया है। तोमर ने एम.पी. ट्रांसको के कार्मिकों को इस बेहतर मेंटीनेंस के लिए बधाई दी है।

भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर तक होता था विद्युत पारेषण

उल्लेखनीय है कि 220 के.व्ही. सबस्टेशन पथरोटा इटारसी में सन् 1966 में इस ट्रासंफार्मर को स्थापित किया गया था। उस वक्त इटारसी बिजली विभाग का एक महत्वपूर्ण पावर सेंटर हुआ करता था, सारणी से उत्पादित विद्युत सीधे इसी सबस्टेशन में आती थी। उस समय इस ट्रांसफार्मर से इटारसी, भोपाल से लेकर बीना, ग्वालियर, बड़वाहा होते हुए इंदौर तथा जरूरत पड़ने पर जबलपुर तक विद्युत पारेषण किया जाता था।

जापानी टीम ने भी प्रशंसा की थी भारत के मेंटनेन्स की

सन् 2015 में जापान की टेपको जाईका टीम एम.पी. ट्रांसको के दौरे पर आई थी। उसने भारत में उपकरणों के मेंटीनेन्स के तरीके और सतत् निगरानी का निरीक्षण और उसकी प्रशंसा की थी। टीम के प्रतिनिधि ओसामु मातसुजकी ने जबलपुर 220 के.व्ही. सबस्टेशन के विजिटिंग रजिस्टर में भी अपनी टिप्पणी दर्ज की थी। उन्होंने एम.पी. ट्रांसकों की सराहना करते हुये लिखा था कि मेंटीनेन्स बेहद व्यवस्थित तरीके से किया जा रहा है।

जापान से 1966 में समुद्री रास्ते से लाया गया था यह ट्रांसफार्मर

सन् 1966 में पथरोटा इटारसी स्थित 220 के व्ही सबस्टेशन में इसे स्थापित करने के लिये इसकी चार यूनिटों को जापान से समुद्री रास्ते के द्वारा जहाज से मुम्बई लाया गया था। जहाँ से रेल के माध्यम से इसे इटारसी तक पहुँचाया गया। इसकी प्रत्येक यूनिट का वजन 57 टन है। इस ट्रांसफार्मर को इटारसी स्टेशन से पथरोटा स्थित इटारसी 220 के.व्ही सबस्टेशन लाने तक मजबूत सड़क का निर्माण करवाया गया था, ताकि इन वजनी ट्रांसफार्मर का परिवहन सुरक्षित ढंग से किया जा सके।

25 वर्ष वर्किंग लाइफ रहती है पावर ट्रासंफार्मर की

सामान्यतः पावर ट्रासंफार्मरों की वर्किंग लाइफ 25 वर्ष मानी जाती है लेकिन एम.पी. ट्रांसको ने सबस्टेशन के सबसे संवेदनशील उपकरण पावर ट्रासंफार्मर की प्रिवेंटिव मेंनेटेनेंस और सतत् निगरानी कर इसकी वर्किंग लाइफ बढ़ाने में सफलता हासिल की। इटारसी में विभिन्न श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए अति आवश्यक इस ट्रांसफार्मर को एम.पी. ट्रांसको ने 25 वर्ष पुराने ट्रासंफार्मर के स्थान पर नया ट्रासंफार्मर स्थापित करने की नीति के तहत 220 के.व्ही. सबस्टेशन पथरोटा इटारसी से अपने 57 वर्ष पुराने 120 एम.व्ही.ए. पावर ट्रासंफार्मर को रिटायर कर उसके स्थान पर 160 एम.व्ही.ए. क्षमता का पावर ट्रासंफार्मर स्थापित किया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *