महानदी का तेजी से बढ़ रहा जलस्तर
महानदी का तेजी से बढ़ रहा जलस्तर
*जांजगीर-चाम्पा और रायगढ़ जिले के तटीय इलाकों में बाढ़ की आशंका*
*मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को बचाव और सुरक्षा के आवश्यक उपाय अपनाने के दिए निर्देश*
*जिला प्रशासन द्वारा निचली बस्तियों में मुनादी और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर राहत शिविरों में ले जाने की कार्यवाही शुरू*
*महानदी में बाढ़ रोकने छत्तीसगढ़ सरकार की पहल पर हीराकुंड डैम से छोड़ा जा रहा पानी*
रायपुर, 15 अगस्त 2022/ छत्तीसगढ़ राज्य में हो रही लगातार बारिश के चलते नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है, इसको देखते हुए राज्य शासन द्वारा नदियों विशेषकर महानदी बेसिन के किनारे गांवों में बाढ़ की संभावना को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने महानदी के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए जांजगीर-चाम्पा एवं रायगढ़ जिले के नदी किनारे वाले गांवों में जिला प्रशासन को विशेष निगरानी एवं सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों की टीम महानदी के जलस्तर पर निरंतर निगरानी बनाए हुए है। नदी के दोनों ओर के निचले स्तर के गांव और बस्तियों में मुनादी कराने के साथ ही जिला प्रशासन द्वारा निचली बस्तियों के लोगों को ऐहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर राहत शिविरों में ले जाने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है कि राज्य में बीते कई दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं। रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग स्थित सिंचाई बांध और जलाशय लबालब हैं। ऐसी स्थिति में बांधों और जलाशयों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते महानदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। धमतरी जिला स्थित रविशंकर जलाशय से 52 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकंड छोड़ा जा रहा है, जबकि सोंढूर बांध से पांच हजार क्यूसेक, सिकासेर से 13 हजार 400 क्यूसेक पानी इस प्रकार कुल 70 हजार 400 क्यूसेक पानी महानदी में छोड़ा हो रहा है, जबकि शिवनाथ नदी पर बने मोंगरा बैराज, सूखा नाला बैराज और घूमरिया बैराज से 70 हजार क्यूसेक पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा जा रहा है, जो कल मध्य रात्रि तक डाउनस्ट्रीम के जिलों में पहुंच जाएगा। महानदी बेसिन इलाके में लगातार बारिश के कारण भी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
हीराकुंड बांध में अभी करीब 900000 क्यूसेक पानी आ रहा है। ओडिशा के महानदी डेल्टा क्षेत्र में भारी बारिश और ओडिशा में बाढ़ की स्थिति के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार की विशेष पहल के बाद हीराकुंड बांध के अधिकारियों ने हीराकुंड से पानी छोड़ने पर सहमति व्यक्त की है। अभी तक, हीराकुंड से लगभग 450000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जोकि इसकी क्षमता का लगभग आधा है। यही वजह है कि रायगढ़ और जांजगीर चांपा जिलों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति बन गई है। जांजगीर-चाम्पा और रायगढ़ जिला प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव के लिए आपदा प्रबंधन टीमों को सक्रिय कर दिया है। उन्होंने आपदा राहत उपायों के लिए एनडीआरएफ आकस्मिकता की मांग की है। दोनों जिलों के बाढ़ संभावित गांव में मुनादी कराने के साथ ही निचले इलाकों से लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया है। यदि लगातार हो रही बारिश नहीं रुकी तो उक्त दोनों जिलों में महानदी के तटीय इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है।