September 30, 2024

Go First को खर्चे के लिए चाहिए फंड, ₹100 करोड़ की तत्काल जरूरत

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नई दिल्ली

उड़ान के लिए संघर्ष कर रही प्राइवेट सेक्टर की एयरलाइन गो फर्स्ट को तत्काल फंडिंग की जरूरत है। इस एयरलाइन के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल शैलेन्द्र अजमेरा ने लेंडर्स से 100 करोड़ रुपये की तत्काल फंडिंग की मांग की है। शैलेन्द्र अजमेरा ने सीओसी यानी लेनदारों की समिति में लेंडर्स को बताया कि इस इमरजेंसी फंडिंग का इस्तेमाल बीमा समेत अन्य अहम खर्चों के लिए किया जाएगा।

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि शैलेन्द्र अजमेरा ने बैंकों से सीओसी के भीतर उनके वोटिंग शेयर के आधार पर फंड के लिए अनुरोध किया है। सूत्र के मुताबिक इमरजेंसी फंडिंग के लिए अनुरोध सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा के कॉर्पोरेट कार्यालय में चला गया है और अगले एक या दो दिनों में निर्णय होने की संभावना है।

यह खबर ऐसे समय में आई है जब सुप्रीम कोर्ट ने 7 अगस्त को गो फर्स्ट की याचिका को खारिज कर दिया है। एयरलाइन कंपनी ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी। इस याचिका में पट्टादाताओं को अपने विमानों की जांच करने की अनुमति दी गई थी। उड़ान 16 अगस्त तक ठप: बता दें कि 3 मई से गो फर्स्ट की उड़ान सेवाएं ठप हैं। एयरलाइन के मुताबिक 16 अगस्त 2023 तक गो फर्स्ट उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। गो फर्स्ट ने स्वैच्छिक दिवाला प्रक्रिया के लिए भी आवेदन किया था। इस आवेदन को एनसीएलटी से मंजूरी मिल चुकी है और इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

 

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