October 1, 2024

बाढ़ के बाद बदलेगी वाराणसी की तस्वीर अब यहां ले सकेंगे स्कूबा डाइविंग का आनंद

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वाराणसी.
गंगा में स्कूबा डाइविंग की शुरुआत बाढ़ खत्म होने के बाद होगी। यह तय किया गया यूपी एडवेंचर स्पोर्ट्स एसोसिएशन की हुई बैठक में। लखनऊ के गोमतीनगर स्थित एसोसिएशन के कार्यालय में हुई बैठक में वाराणसी को एडवेंचर स्पोर्ट्स हब बनाने की योजना पर चर्चा हुई। बैठक में शामिल जिला एडवेंचर स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. एके सिंह के अनुसार बनारस में गंगा में स्कूबा डाइविंग के लिए बेहतर माहौल है।

माना जाता है कि जहां नदी में डॉल्फिन होती है वहां जल स्वच्छ और जलीय जीवन बेहतर होता है। ऐसा ही माहौल स्कूबा डाइविंग के लिए बेहतर होता है। वाराणसी में डॉल्फिन हैं। यहां पानी का बहाव भी कम है। पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं जिनके लिए यह आकर्षण का केंद्र होगा। इसलिए बनारस में स्कूबा डाइविंग का प्रस्ताव लाया गया। इसे शासन की मंजूरी भी मिल चुकी है। इसकी तैयारी बाढ़ खत्म होने के बाद की जाएगी। इसके साथ ही पहले से तय पावर बोटिंग रेस की भी तैयारी शुरू की जाएगी।

क्या है स्कूबा ड्राइविंग
पानी के नीचे की दुनिया देखने के लिए जरूरी उपकरणों के साथ गहराई में गोता लगाने को स्कूबा डाइविंग कहते हैं। आमतौर पर प्रशिक्षित गोताखोर समुद्र में स्कूबा डाइविंग करते हैं लेकिन देश की कई नदियों में भी एडवेंचर के शौकीन गोता लगाते हें और जलीय जीवन को निहारते हैं। स्कूबा डाइविंग के लिए खास ट्रेनिंग की जरूरत नहीं होती है। ड्राइविंग करने वालों को प्रशिक्षित गोताखोर के साथ 20 फुट तक नदी में गोता लगाने की अनुमति दी जाती है।

स्कूबा डाइविंग से बढ़ेगा विदेशी पर्यटकों का आकर्षण
नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वाटर स्पोर्ट्स भी चाहता है कि बनारस में स्कूबा डाइविंग की व्यवस्था हो। इससे विदेशी पर्यटकों का आकर्षण भी बढ़ेगा और लोगों का नदी के प्रति लगाव भी होगा। गंगा पार रेती में होगा बीच फुटबॉल यूपी एडवेंचर स्पोर्ट्स एसोसिएशन की बैठक में बनारस में गंगा पार रेती में बीच फुटबॉल के आयोजन पर भी चर्चा हुई। बड़ा रेतीला इलाका होने और वहां आने-जाने की सुविधा को देखते हुए इसके आयोजन का विचार बनाया गया। इन आयोजनों के सफल होने पर कई और खेलों को बनारस लाने पर विचार किया जा सकता है।

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