‘जजों और वकीलों को अच्छे आचरण की जरूरत’, स्वतंत्रता दिवस पर CJI चंद्रचूड़ की सलाह
नई दिल्ली
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को कहा कि न्यायाधीशों और वकीलों को इस तरह से आचरण करना चाहिए जिससे कानूनी प्रक्रिया की स्वतंत्रता और अखंडता के बारे में विश्वास पैदा हो। उन्होंने वकीलों से यह भी अनुरोध किया कि यदि उन्हें कोई शिकायत है तो वे उनसे संपर्क करें।
लाइव लॉ के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “न्यायाधीशों और वकीलों को इस तरह से आचरण करना चाहिए जिससे कानूनी प्रक्रिया की स्वतंत्रता और अखंडता के बारे में विश्वास पैदा हो… मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि हर शिकायत, मुझे भेजा गया हर पत्र और यहां तक कि मेरे बजाय सोशल मीडिया को संबोधित किया गया, मेरे द्वारा ही निपटाया जाता है। लेकिन मैं वकीलों से अनुरोध करता हूं, अगर आपको कोई शिकायत है तो अदालत के बाहर न जाएं, आपके परिवार का मुखिया होने के नाते इसे सुलझाने के लिए मैं यहां बैठा है।"
उन्होंने कहा, “जो चीजें मैं अपने दम पर कर सकता हूं, मैं अपने सहयोगियों की मदद से करूंगा। लेकिन कुछ चीजों के लिए सरकार के साथ जुड़ाव की आवश्यकता होगी और मैं इसका समाधान खोजने का प्रयास करूंगा।” इस अवसर पर, सीजेआई ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट 27 अतिरिक्त कोर्ट रूम, चार रजिस्ट्रार कोर्ट रूम और वकीलों और वादियों के लिए अधिक सुविधाएं जोड़ने के लिए अपने बुनियादी ढांचे का विस्तार करेगा। उन्होंने कहा कि न्यायिक बुनियादी ढांचे को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट अतिरिक्त कोर्ट रूम और अन्य सुविधाओं को समायोजित करने के लिए एक नई इमारत बनाने की योजना बना रहा है।
सीजेआई ने कहा, "हमें जल्द से जल्द न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार करने की आवश्यकता है। हम 27 अतिरिक्त कोर्ट रूम, 4 रजिस्ट्रार कोर्ट रूम और वकीलों और वादियों के लिए पर्याप्त सुविधाओं के लिए एक नई इमारत का निर्माण करके सर्वोच्च न्यायालय का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। "
पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस संबोधन का जिक्र करते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, "प्रधानमंत्री ने आज लाल किले पर अपने भाषण में क्षेत्रीय भाषाओं में फैसलों का अनुवाद करने के सुप्रीम कोर्ट के प्रयासों का उल्लेख किया। अब तक 9,423 फैसलों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है।"
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने सुप्रीम कोर्ट की तारीफ में कहा कि फैसलों के प्रमुख हिस्सों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने के कदम के लिए शीर्ष अदालत की सराहना की जाती है।