September 30, 2024

I. N. D. I. A. गठबंधन में पिछले 48 घंटे में बदल गया समीकरण

0

नईदिल्ली

2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन का मुकाबला करने के लिए 26 विपक्षी दलों ने 18 जुलाई को I.N.D.I.A गठबंधन बनाया था. गठबंधन बनने के करीब 1 महीने बाद ही इसमें खींचतान शुरू हो गई है. महाराष्ट्र में जहां अजित-शरद पवार की सीक्रेट मीटिंग और कथित ऑफर को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. दोनों नेताओं के बीच लगातार हो रहीं मुलाकातों ने कांग्रेस और शिवसेना की टेंशन बढ़ा दी है. तो वहीं, दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में फूट पड़ती नजर आ रही है. दोनों पार्टी के नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है. कांग्रेस-AAP के बीच जारी बयानबाजी को देखते हुए बीजेपी ने तो जल्द INDIA गठबंधन टूटने की भविष्यवाणी भी कर दी.

दिल्ली में कांग्रेस और AAP में फूट!

दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में सियासी घमासान कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा के बयान से शुरू हुआ. दरअसल, कांग्रेस ने बुधवार को दिल्ली कांग्रेस की बैठक बुलाई थी. बैठक में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल, दीपक बाबरिया मौजूद रहे. बैठक के बाद अलका लांबा ने बताया कि इस बैठक में दिल्ली में संगठन को मजबूत करने और आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी पर चर्चा हुई. बैठक में करीब 40 नेताओं ने अपनी बात रखी. तीन घंटे चली बैठक में फैसला हुआ है कि पार्टी दिल्ली की सभी संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा, चुनाव में 7 महीने हैं और दिल्ली में 7 लोकसभा सीटें हैं. नेताओं को आज से ही सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाना है. संगठन जो भी जिम्मेदारी देगा, हम उसे निभाएंगे. हमें मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाना होगा.
 

केजरीवाल भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं- संदीप दीक्षित

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, राय मशविरे के लिए वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया है. मेरी राय है कि केजरीवाल सेवाएं इसलिए चाहते थे क्योंकि वह भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. मैं पार्टी से कहूंगा कि हमें एक भ्रष्ट आदमी के भ्रष्ट तरीकों को बचाने के लिए उसके साथ नहीं खड़ा होना चाहिए. अगर उनकी मंशा लोगों के अधिकारों से होती तो वह कश्मीर में केंद्र का समर्थन नहीं करते. आज दिल्ली अपनी खराब हालत के लिए जानी जाती है और शायद केजरीवाल पहले मुख्यमंत्री होंगे जो मुख्यमंत्री रहते हुए जेल जाएंगे.  

बैठक के बाद कांग्रेस नेता अनिल चौधरी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी संगठन को मजबूत करके एकजुट होकर लड़ेगी. हमने आम आदमी पार्टी की या गठबंधन की कोई चर्चा नहीं की. हमने पोल खोल यात्रा से लेकर हर एक कोशिश की है कि अरविंद केजरीवाल सरकार की नीतियों को एक्सपोज करें. शराब घोटाले से लेकर तमाम कार्रवाई हम लोगों की शिकायतों पर हुई है. 2024 में हम चुनाव जीतेंगे और 2025 में अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम नहीं होंगे, हमारी यह पूरी कोशिश रहेगी.
गठबंधन की मीटिंग में जाने का मतलब नहीं- AAP

उधर, अलका लांबा और कांग्रेस के अन्य नेताओं के बयान पर आम आदमी पार्टी भड़क गई. AAP ने यहां तक कह दिया कि अगर कांग्रेस ने तय कर लिया है कि दिल्ली में गठबंधन नहीं करना हो, INDIA गठबंधन की बैठक में जाने का कोई मतलब नहीं है. AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, मैंने अलका लांबा का बयान सुना, अगर वे (कांग्रेस) दिल्ली में गठबंधन नहीं करते, तो INDIA गठबंधन में जाने का कोई मतलब नहीं है, यह समय की बर्बादी है. हमारी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि INDIA गठबंधन की अगली बैठक में शामिल होना है या नहीं. उन्होंने कहा, यह कांग्रेस ही थी जिसने दिल्ली में गठबंधन बनाने के लिए आप से संपर्क किया था, क्योंकि उनका दिल्ली में कोई अस्तित्व नहीं है.  

सौरभ भारद्वाज ने साधा अलका पर निशाना

कांग्रेस नेताओं के बयान पर पलटवार करते हुए दिल्ली के मंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब 'INDIA' के सभी दल बैठेंगे, सीट शेयरिंग पर चर्चा करेंगे, सभी पार्टियों का राष्ट्रीय नेतृत्व आमने सामने बैठकर इस पर चर्चा करेगा, तब पता चलेगा कि कौन सी पार्टी को कौन सी सीटें मिलती हैं. यह तो बहुत आगे की बात है. सौरभ ने अलका लांबा और अनिल चौधरी पर पलटवार करते हुए कहा कि ये बहुत छोटे-छोटे नेता हैं. इनकी जमानत भी नहीं बची. दोनों की ही जमानत कहां बची, दोनों के वोट मिला लें, तो भी वे नहीं जीतेंगे.

कांग्रेस ने दी सफाई

  दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने अलका लांबा के बयान के बाद सफाई दी. उन्होंने कहा, अलका प्रवक्ता हैं लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करने के लिए वह अधिकृत प्रवक्ता नहीं हैं. मैंने प्रभारी के तौर पर कहा है कि आज बैठक में ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई. मैं अलका लांबा के बयान का खंडन करता हूं.

बीजेपी ने गठबंधन पर फिर साधा निशाना

बीजेपी की तरफ से एक बार फिर विपक्षी दलों के गठबंधन पर सवाल उठाए गए हैं. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया पर लिखा, "अब कांग्रेस दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है. साफ है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस के पैरों से दरी खींच ली है. 'घमंडिया गठबंधन' की तरफ से ये अभी पहला रुझान है. आगे कांग्रेस को यूपी में सपा, बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, बिहार में RJD-JDU के साथ भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल सकता है. कांग्रेस को या तो अकेले चुनाव लड़ना होगा या फिर किसी गठबंधन में तीसरे दर्जे की पार्टी रहकर पूरे देश में 100 सीट भी लड़ने को मिल पाना मुश्किल है. अब साफ हो रहा कि 'घमंडिया गठबंधन' केवल सदन में गतिरोध पैदा कर कामकाज रोकने की गलत नीयत व दिखावे के लिए बना था. यह गठबंधन ही 2024 तक नहीं टिकेगा.
महाराष्ट्र में 'सीक्रेट' मीटिंग को लेकर विवाद

महाराष्ट्र में भी महाविकास अघाड़ी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. कांग्रेस और शिवसेना ने  एनसीपी चीफ शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार की सीक्रेट मीटिंग पर सवाल किए हैं. दरअसल, दोनों नेताओं के बीच हाल ही में पुणे में एक उद्योगपति के यहां सीक्रेट मीटिंग हुई थी. दावा किया जा रहा है कि बैठक में शरद पवार को मनाने के लिए बीजेपी ने अजित पवार के जरिए एक बड़े ऑफर की पेशकश की है.

दरअसल, एक अखबार ने पृथ्वीराज चव्हाण के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि बीजेपी ने शरद पवार को केंद्र में कृषि मंत्री बनाने और नीति आयोग के अध्यक्ष पद का ऑफर दिया है. इसके अलावा सांसद सुप्रिया सुले और विधायक जयंत पाटिल को मंत्री बनाने की भी पेशकश की गई है. इस रिपोर्ट के बाद कांग्रेस नेता शरद पवार से अपना पक्ष साफ करने के लिए कह रहे हैं.

टेंशन में कांग्रेस-शिवसेना

अजित-शरद की बैठक को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि वे एनसीपी चीफ शरद पवार और अजित पवार के बीच होने वाली सीक्रेट मीटिंग मंजूर नहीं हैं और यह उनकी पार्टी के लिए चिंता का विषय है. पटोले ने कहा, यह हमारे लिए चिंता का विषय है और इस मामले पर कांग्रेस के शीर्ष नेता चर्चा करेंगे. INDIA गठबंधन भी इस पर चर्चा करेगा, इसलिए मेरे लिए इस पर आगे चर्चा करना उचित नहीं होगा.

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने कहा, यह जानकारी सामने आ रही है कि नरेंद्र मोदी जी ने शर्त रखी है अजित पवार के सामने कि जब तक शरद पवार साथ नहीं आएंगे, तब तक आप मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे. एक बात जरूर है कि भ्रम की स्थिती है, यह स्थिति जल्द ही साफ होनी चाहिए .

इसके अलावा कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा, शरद पवार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए, उनके इस कदम से निश्चित तौर पर हर किसी के मन में संदेह पैदा होगा.

शिवसेना ने भी उठाए थे सवाल

इससे पहले शिवसेना (उद्धव गुट) ने भी अजित के बार बार मुलाकात करने पर शरद पवार पर निशाना साधा. शिवसेना ने अपने संपादकीय सामना में लिखा, डिप्टी सीएम अजित पवार बार-बार शरद पवार से मुलाकात के लिए जा रहे हैं और मजे की बात यह है कि शरद पवार किसी मुलाकात को टाल नहीं रहे हैं. कुछ मुलाकात खुले तौर पर हुईं तो कुछ गुप्त रूप से हो रहीं, इसलिए लोगों के मन में भ्रम पैदा हो रहा है.

सुप्रिया सुले को देना पड़ा जवाब

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, मैं सीधा जवाब देती हूं. कोई ऑफर नहीं दिया गया. मुझे किसी ऑफर के बारे में नहीं पता. मुझे नहीं पता कि कांग्रेस क्या स्टेटमेंट दे रही है. पवार साहब और मैंने कोई बयान नहीं दिया. मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता. हम राहुल गांधी और सोनिया गांधी से बात करेंगे. हम संसद में कांग्रेस के साथ बैठते हैं और उनके साथ रणनीति बनाते हैं. उनके राज्य नेतृत्व के बारे में मेरा बोलना अनुचित है. मैं कांग्रेस के राज्य नेतृत्व पर टिप्पणी नहीं कर सकती.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *