तेजप्रताप ने पिछली बार अपेक्षित को पढ़ा था उपेक्षित, क्या इसलिए आज 31 विधायकों के समूह में ली शपथ?
नई दिल्ली
बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने आज नई सरकार के कुल 31 विधायकों को शपथ दिलाई है। तेजप्रताप यादव ने भी मंत्री पद की शपथ ली है।
एनडीए से नाता तोड़ने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर से नई सरकार का गठन हो गया है। 16 अगस्त को बिहार के राज्यपाल ने आरजेडी के 16, जेडीयू के 11, कांग्रेस के दो, हम के एक और एक निर्दलीय विधायक को मंत्री पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा जिस बात की हुई, वह थी विधायकों का समूह में शपथ लेना। इस दौरान सबकी नजर बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप के शपथ ग्रहण पर भी थी।
जब तेजप्रताप ने अपेक्षित को पढ़ा था उपेक्षित
बात साल 2015 की है। जदयू और राजद के महागठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव में बंपर जीत दर्ज की थी। जब नई सरकार के मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह हुआ तब तेजप्रताप यादव ने भी मंत्रीपद की शपथ ली थी। हालांकि, शपथ ग्रहण के दौरान उनकी किरकिरी तब हुई जब उन्होंने अपेक्षित शब्द को उपेक्षित पढ़ दिया था। बिहार के तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने मंच पर तुरंत ही तेजप्रताप यादव को टोक दिया। उन्होंने तेजप्रताप को अपेक्षित शब्द को ठीक से पढ़ने को कहा। तेजप्रताप जब इसे ठीक से पढ़ने लगे तो राज्यपाल ने उनसे शपथ पत्र को फिर से पूरा पढ़ने को कहा। इसके बाद तेजप्रताप यादव को फिर से शपथ लेनी पड़ी थी। उन्होेंने शपथ ठीक से पढ़ तो दी लेकिन ये मामला लोगों में चर्चा का विषय बन चुका था। कोई इस सामान्य गलती बता रहा था। तो वहीं, कई उनकी शिक्षा पर भी सवाल खड़े कर रहे थे।
आज शपथ ग्रहण में क्या हुआ?
बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने आज नई सरकार के कुल 31 विधायकों को शपथ दिलाई है। तेजप्रताप यादव ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। उन्होंने चार अन्य विधायकों पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी (जेडीयू), विजेंद्र यादव (जेडीयू), आलोक मेहता (राजद) और आफाक आलम (कांग्रेस) ने भी मंत्री पद की शपथ ली। कैबिनेट में सीपीआई-एमएल, सीपीआई और सीपीएम को जगह नहीं मिल पाई है।
हमेशा चर्चा में रहते हैं तेजप्रताप
बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव एक जाने-माने चेहरे हैं और हमेशा चर्चा में बने रहते हैं। चर्चा में बने रहने का कारण कभी उनकी सादगी और बेबाकी होती है तो वहीं कई बार विवादित बयान भी। तेजप्रताप कई बार आम लोगों की मदद करते भी देखे जाते हैं। इसलिए इस बार भी लोगों में उनको मंत्री पद मिलने को लेकर काफी उत्सुकत बनी हुई थी।