November 27, 2024

सिल्ली में 5 लोगों की कब्र बन गया 40 फीट गहरा कुआं, बैल को बचाने में गंवाई जान

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सिल्ली

झारखंड के रांची जिले के सिल्ली प्रखंड के पिसका गांव में कुआं में मिट्टी धंसने से सात लोग दब गए। इसमें से 2 की मौत हो गई जबकि एक को जिंदा निकाल लिया गया। बीडीओ पावन आशीष लकड़ा के अनुसार, 4 लोग अभी भी दबे हैं, जिन्हें निकालने का काम चल रहा है। देर रात दो बजे तक एनडीआरफ के नेतृत्व में राहत और बचाव कार्य जारी था। हल्की-हल्की बारिश होने के कारण बचाव कार्य में परेशानी हो रही है। जिन 3 को बाहर निकाला गया उनमें मंटू मांझी (52) और विष्णु बेदिया (55) की मौत हो चुकी है। वहीं भागीरथ मांझी स्वस्थ है। कुआं 40 साल पुराना और 30 फीट गहरा था, जो बोल्डर से पाटा गया था। मुंडेर भी नहीं बंधा था। जिन 4 लोगों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है उनके जिंदा होने की संभावना नगण्य है।

बाहर निकाले गए 3 में से 2 लोगों की मौत
जानकारी के अनुसार, गुरुवार दिन के 3 बजे गांव के कई ग्रामीण घलटू मांझी के कुएं में गिरे एक बैल को निकालने का प्रयास कर रहे थे। इसी क्रम में कुआं धंस गया, जिसमें सात लोग दब गए। ऊपरी सतह पर गिरे भगीरथ मांझी को ग्रामीणों ने तत्काल बाहर निकाला। बाकी सभी लोग मिट्टी से पूरी तरह दब गए। घटनास्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने तुरंत प्रशासन को सूचना दी। सूचना पर दिन के 430 बजे बीडीओ, थाना प्रभारी और मुरी ओपी प्रभारी विपुल झा पहुंचे। प्रशासन द्वारा हिंडालको रेस्क्यू टीम और एनडीएआरएफ को सूचना दी गई। हिंडालको के अधिकारी तीन जेसीबी, एक हाइड्रा के साथ शाम पांच बजे पहुंचे। काफी मशक्कत के बाद शाम 7:20 बजे मंटू मांझी को अचेत अवस्था में निकाला गया, जिसने बाद में दम तोड़ दिया। विष्णु बेदिया को 7:45 बजे मृत अवस्था में निकाला गया।

हादसे में कुएं में दबे लोगों की शिनाख्त का प्रयास
हादसे में कितने लोग कुएं में दबे हैं इसकी पहचान के लिए प्रशासन ने देर रात गांव का सर्वे शुरू कराया है। वहीं देर रात तक बचाव कार्य भी जारी था  सूचना पर पहुंचे सिल्ली विधायक सुदेश कुमार महतो ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। सिल्ली की पूर्व विधायक सीमा देवी भी मौके पर पहुंचीं। सुरेंद्र दास ने बताया कि धंसने के क्रम में कुआं के ऊपर रखे पत्थर के सहारे लटक कर बच पाया। उन्होंने बताया कि कुआं में फंसे अन्य लोगों में रमेश मांझी (65), बहादुर मांझी (40), गुरुपद मांझी (56) व टेंपू मांझी (25) शामिल हैं। रात 9.30 बजे एनडीआरएफ टीम पहुंची,तब बचाव कार्य तेज हुआ। कुएं के पास से स्लोप बनाया जा रहा है, ताकि लोगों को निकाला जा सके।

बारिश के चलते बचाव कार्य में परेशानी
रांची से पहुंची एनडीआरएफ टीम के रविकांत कुमार ने बताया कि रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण कार्य में परेशानी हो रही है। जेसीबी से भी गड्ढे खोदने में परेशानी हो रही है। सोनाहातू से पोकलेन मंगाया जा रहा है। पोकलेन आते ही दबे हुए व्यक्तियों निकाल लिया जाएगा। कुआं धंसने के बाद ग्रामीणों ने ऊपर में कमर तक मिट्टी में धंसे भगीरथ मांझी को निकाला। उसने कहा कि नीरज के कारण मैं बच गया।

भगीरथ मांझी ने बताया कि दिन के 2 बजे के आसपास गांव में चर्चा होने लगी कि आनंद मांझी का बैल घलटू के कुआं में गिर गया है, जिसे निकालने के कई लोग कुआं के समीप जमा हुए। सहयोग के लिए मैं भी पहुंचा, जहां मेरे पिताजी पहले से मौजूद थे। वह एक अन्य व्यक्ति के साथ कुआं में उतर कर नीचे गिरे बैल को रस्सी से बांध दिए। एक व्यक्ति ऊपर आ गया और मेरे पिताजी कुआं के अंदर से ऊपर खड़े लोगों से रस्सी खींचने के लिए कहा। रस्सी खींचते ही लोग कुछ समझ पाते, तब तक कुआं भरभरा कर धंस गया, जिससे हम सभी कुआं में गिर गए।

सात साल के बच्चे ने गांव वालों को दी हादसे की सूचना
मैं कुआं के अंदर ऊपरी सतह पर था। इस घटना को दूर से देख रहे एक सात साल का बच्चा नीरज मांझी मेरे घर और अन्य लोगों को सूचना दी। यह खबर सुनकर मेरे बड़े पापा मुचीराम मांझी और आशीर्वाद मांझी कुआं के पास पहुंचकर अन्य लोगों की मदद से मुझे कुआं से निकाला।

रमेश मांझी के कुआं में दबने की खबर सुनते ही उनकी पत्नी बेबी देवी की हालत गंभीर हो गई। वह बार-बार बेहोश होने लगी। हालत को देखते हुए गांव में पहुंचे चिकित्सा दल घर पर जाकर उसका इलाज किया। ज्ञात हो कि गांव के हालात को देखते हुए विधायक की पहल पर चिकित्सा दल को बुलाया गया है, जो घर-घर जाकर हादसे में घबराए लोगों की जांच की। टीम में डॉ रमनेश प्रसाद और डॉ विवेक कुमार शामिल हैं।

 

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