September 30, 2024

जल्द भारत आ सकता है 26/11 का साजिशकर्ता तहव्वुर राणा!, अमेरिकी अदालत ने खारिज की रिट याचिका

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अमेरिका
 अमेरिका की एक अदालत ने 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के आरोपी और पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यापारी तहव्वुर राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (habeas corpus petition) खारिज कर दी है जिसके बाद अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Secretary of State Antony Blinken) द्वारा उसे भारत प्रत्यर्पित करने के लिए प्रमाणपत्र जारी करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। ‘सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया' में ‘यूनाइटेड स्टेट डिस्ट्रिक्ट' के न्यायाधीश डेल एस फिशर ने 10 अगस्त के अपने आदेश में लिखा, ‘‘अदालत ने एक अलग आदेश जारी कर तहव्वुर राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी है।'' बहरहाल, राणा ने इस आदेश के खिलाफ ‘नाइंथ सर्किट कोर्ट' में याचिका दाखिल की है और उस पर सुनवाई होने तक उसके भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाए जाने का अनुरोध किया है।

राणा ने दी थी अमेरिकी अदालत में चुनौती
राणा ने जून में अमेरिकी अदालत के उस आदेश को चुनौती देते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी, जिसमें उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने के अमेरिकी सरकार के अनुरोध को स्वीकार किया गया था। न्यायाधीश फिशर ने अपने आदेश में कहा कि राणा ने अपनी याचिका में दो मूल दलीलें पेश की हैं। उन्होंने कहा कि पहली दलील यह है कि संधि के तहत उसे प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता, क्योंकि भारत उसके खिलाफ उन कृत्यों के लिए अभियोग चलाना चाहता है, जिन्हें लेकर अमेरिका की एक अदालत ने उसके खिलाफ आरोप लगाए थे और उसे बरी कर दिया था तथा दूसरा तर्क यह है कि सरकार ने यह बात साबित नहीं की है कि यह मानने का संभावित कारण है कि राणा ने भारत में वे अपराध किए जिन्हें लेकर उसके खिलाफ अभियोग चलाया जाना है। न्यायाधीश ने दोनों ही दलीलें खारिज कर दीं। न्यायाधीश के इस आदेश के बाद राणा के वकीलों पैट्रिक ब्लेगन और जॉन डी क्लिने ने ‘यूनाइटेड स्टेट कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द नाइंथ सर्किट' में इसके खिलाफ याचिका दायर की। अमेरिका सरकार ने राणा द्वारा दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को अस्वीकार करने का जून में आग्रह किया था।

मुंबई आतंकी हमले में राणा की भूमिका
भारत में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा 26 नवंबर 2008 को मुंबई में किए गए हमलों में राणा की भूमिका की जांच कर रहा है। इन हमलों के दौरान अजमल कसाब नामक आतंकवादी जिंदा पकड़ा गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को भारत में फांसी की सजा दी गई। बाकी आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने हमलों के दौरान ढेर कर दिया था। मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकी नागरिक सहित कुल 166 लोगों की जान गई थी।

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