November 23, 2024

महंगाई पर नकेल कस रही सरकार, खुदरा के बाद अब थोक आंकड़ों पर भी दिखा असर

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मुंबई
जून 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.01 प्रतिशत जबकि जुलाई 2021 में 5.59 प्रतिशत थी। हालांकि, अब भी खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर की उच्च सीमा 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है।

केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के प्रयासों के बीच थोक महंगाई दर के आंकड़ों में गिरावट आई है। सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक थोक महंगाई दर जुलाई में घटकर 13.93 प्रतिशत रही, जो जून में 15.18 प्रतिशत थी। बीते कुछ माह के मुकाबले देखें तो ये बड़ी गिरावट है।

खुदरा महंगाई भी काबू में
खाने का सामान सस्ता होने से खुदरा महंगाई भी जुलाई में नरम होकर 6.71 प्रतिशत पर आ गई है। बीते शुक्रवार को जारी आंकड़ों में बताया गया था कि जून 2022 में महंगाई दर 7.01 प्रतिशत जबकि जुलाई 2021 में 5.59 प्रतिशत थी। हालांकि, अब भी खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर की उच्च सीमा 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है।

आरबीआई की कोशिश
आपको बता दें कि केंद्रीय रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू में लाने के लिए रेपो रेट में लगातार बढ़ोतरी की है। मई और जून के बाद अगस्त में भी रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट को बढ़ाया है। सिर्फ पिछले 4 महीने में अब तक रेपो रेट 1.40 फीसदी बढ़कर 5.40 फीसदी हो चुका है। वहीं, बीते कुछ माह में केंद्र सरकार ने भी पेट्रोल-डीजल, खाने के तेल समेत कई चीजों पर कीमतों की कटौती के लिए अहम उपाय किए हैं।

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